चंडीगढ़ | हरियाणा के स्मारक राज्य की समृद्ध संस्कृति और परंपरा की याद दिलाते हैं. बता दें कि हरियाणा के स्मारकों में शासक राजवंशों के किले महल और मकबरे भी शामिल है. अब समय परिवर्तन के साथ-साथ राज्य के कई किले, महल और मकबरे सरकारी कार्यालयों में बदल चुके हैं. हरियाणा के स्मारकों में पानीपत में इब्राहिम लोधी का मकबरा, सितारा स्मारक जो भिवानी से लगभग 12 किलोमीटर दूरी पर जल महल, शाह कुली खान की कब्र, शेखचिल्ली का मकबरा आदि जगहे शामिल है.
इन शहरों को नहीं देखा तो क्या देखा
- छता राय मुकुंद दास पांच मंजिला संरचना है. जिसे मुकुंद दास ने बनवाया था, जो महान मुगल सम्राट शाहजहां के शासन के दौरान नारनौल जैसी खूबसूरत जगह के दीवाने थे. कई कमरों और मंडपो से सजी यह इमारत वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है. महल में प्रसिद्ध दीवाने- ए- खास शामिल है, जिसे विशाल स्तम्भो से सजाया गया है. इसके संगमरमर के फर्ज आज भी देखने में काफी शानदार लगते हैं. स्थानीय लोगों के अनुसार, इस जगह पर सम्राट अकबर और उनके नौ रत्नों में से एक बीरबल भी आए थे. इसी वजह से इस जगह को बीरबल के चट्टा के नाम से भी जाना जाता है.
- राजा हर्ष का टीला एक पुराना टीला है, जो लगभग 1 किलोमीटर तक फैला हुआ है. आसपास के क्षेत्र में लगभग 15 मीटर की ऊंचाई पर निर्मित यह जगह कई संस्कृतियों को प्रदर्शित करती आई है. कुषाण और मुगल काल के वजह से इस जगह पर काफी समय तक शासन हुआ था. इस जगह पर पूरावशेष बरामद हुए थे. यह कॉल वैदिक, राजपूत, गुप्त, कुषाण, उत्तर गुप्त, वर्धमान, सल्तनत और मुगल काल है.
- शेख चिल्ली समाधि में कई संगमरमर के मेहराब मौजूद है. खिड़कियां ट्रेसरी स्क्रीन से सजी हुई है, मकबरे के बीच बाग में चेहली का मकबरा है. इसकी छत पर खड़े होकर आपको संरचना में 9 खुले हुए द्वार दिख जाते हैं.
- आमतौर पर चोर गुबंद को नारनौल के साइन बोर्ड के नाम से जाना जाता है. इस संरचना को एक अलग ही चट्टान पर बनाया गया है. संरचना एक स्क्वेयर के रूप में बनाई गई है, जिसमें चार मीनारे हैं. इन मीनारों के इर्द-गिर्द इस इमारत को बनाया गया है. यह वह दौर था, जब शहर पर फिरोजशाह का शासन हुआ करता था. इस संरचना का नाम चोर गुबंद कैसे पड़ा, आप भी इसके बारे में सोचते होंगे. यह पहले चोरों और अपराधियों के लिए छुपने का स्थान हुआ करता था, मकबरे का भूतिया नजारा पर्यटकों को मंत्र मुक्त कर देता है.