चंडीगढ़ | हरियाणा की मनोहर सरकार ने प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर मिलें, इसको लेकर कमर कस ली है. मनोहर लाल सरकार ने जहां 64 हजार सरकारी नौकरियां देने का लक्ष्य निर्धारित किया हुआ है. साथ ही, रोजगार मेले आयोजित करने की रूपरेखा भी तैयार कर ली है. अगले पांच महीने के दौरान प्रदेश भर में 176 रोजगार मेलों का आयोजन किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके.
हरियाणा बीजेपी प्रवक्ता सुदेश कटारिया ने बताया कि इन रोजगार मेलों के माध्यम से पढ़े लिखे युवाओं निजी क्षेत्र में नौकरियां दिलाने के साथ ही उन्हें स्वरोजगार स्थापित करने के लिए सहायता उपलब्ध कराई जाएगी. उन्होंने बताया कि एक अप्रैल के बाद प्रदेश में हर साल 200 रोजगार मेले आयोजित करने की तैयारी की जाएगी. खुद सीएम मनोहर लाल इन रोजगार मेलों पर नजर रखेंगे. वहीं, कांग्रेस द्वारा हरियाणा में रोजगार घटने के आरोपों पर पलटवार करते हुए सुदेश कटारिया ने कहा कि हुड्डा सरकार में रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र की बजाय प्रॉपर्टी डीलिंग का काम होता था.
बीजेपी प्रवक्ता सुदेश कटारिया ने बताया कि हुड्डा सरकार के 10 साल के कार्यकाल में सिर्फ 133 रोजगार मेले आयोजित हुए थे जबकि बीजेपी सरकार के आठ साल के कार्यकाल में 1,395 रोजगार मेलों का आयोजन हो चुका है. हुड्डा सरकार में जहां इन रोजगार मेलों से करीब 11 हजार युवाओं को रोजगार मिला था तो वहीं खट्टर सरकार में लगभग 55 हजार युवाओं को रोजगार मिला है.
सुदेश कटारिया ने बताया कि सीएम मनोहर लाल ने प्रदेश के प्रत्येक जिले में जिला रोजगार कार्यालय को प्रति तिमाही के आधार पर कम से कम दो रोजगार मेले आयोजित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि रोजगार देने के मामले में मनोहर लाल की कार्यशैली पर सवाल खड़े करने वाली कांग्रेस पार्टी सिर्फ जनता को गुमराह करने का काम कर रही है.
ग्रुप C की 42 हजार नौकरियों के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) परीक्षा हो चुकी है और ग्रुप D के लगभग 22 हजार पदों के लिए अगले साल मार्च में सीईटी परीक्षा का आयोजन करने की तैयारियां शुरू हो चुकी है.
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