नई दिल्ली | गेहूं की कीमतों में तेजी के साथ ही आटा की कीमतों में भी तेजी दर्ज की गई है. ब्रांडेड से लेकर नान ब्रांडेड आटे के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे आम आदमी की परेशानी बढ़ती जा रही है. एक तरफ जहां आटे की कीमतों में तेजी आई है तो दूसरी तरफ चावल के दाम भी लगातार बढ़ रहे हैं. इस साल गेहूं की खरीद पिछले साल से ज्यादा हुई है. बेमौसम बारिश से फसल को नुकसान हुआ है.
सरकारी गोदाम खाली
जिले में गेहूं के सरकारी गोदाम खाली हो गए हैं. इसराना में 60-70 हजार गेहूं की बोरियां बची हैं. विभिन्न राज्यों को गेहूं की आपूर्ति की जा चुकी है. झटीपुर बंदरगाह पर विशेष कंटेनर भी लगाए गए थे. गेहूँ का निर्यात भी किया जाता था. निजी बाजार में गेहूं के भाव 2800 रुपए क्विंटल के ऊपर पहुंच गए हैं. इस बार गेहूं की खरीदारी कम हुई है. अकेले हैफेड ने ही 80 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीदा था.
आटे की कीमतों में वृद्धि
पिछले 15 दिनों में आटे की कीमतों में उछाल दर्ज किया गया है. दो हफ्ते पहले 11 किलो वजन के आशीर्वाद आटे के एक पैकेट की कीमत 375 रुपए थी. आशीर्वाद आटे की पैकिंग 11 किलो की थी. इस समय एक बोरी आशीर्वाद आटे की कीमत 395-400 रुपए तक पहुंच गई है. पैकेट का वजन भी 10 किलो है.
नवंबर में रिफाइंड कीमतें स्थिर रहीं
खाने-पीने की चीजों में चावल के दाम भी बढ़ रहे हैं. अन्य देशों विशेषकर चीन में भारतीय चावल की अच्छी मांग थी. हालांकि, चीन को चावल के निर्यात पर रोक लगा दी गई है. पिछले 10-15 दिनों में गेहूं के आटे के साथ-साथ रिफाइंड आटे में भी तेजी दर्ज की गई है. रिफाइंड सोया जो पहले 130 रुपये लीटर चल रहा था, अब 145 रुपये लीटर पर पहुंच गया है. अक्टूबर के महीने में हर दिन तेजी देखने को मिली. नवंबर में रिफाइंड कीमतें स्थिर रहीं लेकिन अक्टूबर में आई तेजी बरकरार है.
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