करनाल | उत्तर प्रदेश के शामली से अंबाला तक एक्सेस कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड हाईवे के निर्माण कार्य ने रफ्तार पकड़ ली है. 121 किलोमीटर लंबा यह हाइवे सिक्स लेन होगा और इसके निर्माण के लिए तीन अलग-अलग कंपनियों ने अलग-अलग हिस्सों में अपनी मशीनरी स्थापित कर तैयारियां शुरू कर दी है. पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच सड़क कनेक्टिविटी मजबूत करने वाला यह हाइवे करनाल जिले की सीमा से होकर चार गांवों से गुजरेगा.
4,600 करोड़ रुपए आएगी लागत
4600 करोड़ रुपए की लागत राशि से बनने वाला यह हाइवे करनाल जिले के चार गांव चंद्राव, हंसुमाजरा, खुखनी व कलरी जागीर से होकर गुजरेगा. इस लागत राशि में से 3200 करोड़ रुपए हाइवे निर्माण व 1400 करोड़ रुपए भूमि अधिग्रहण के लिए खर्च होगी. यह हाईवे शामली, सहारनपुर से होते हुए करनाल, कुरुक्षेत्र से अम्बाला को जोड़ेगा, जिससे कम समय में सफर तय होगा और करनाल जिले से ट्रैफिक का दबाव हटेगा.
हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ से वेस्ट यूपी की राह आसान
नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के तकनीकी प्रबंधक अंकुश मेहता ने बताया कि भारतमाला परियोजना के तहत बनने वाले इस हाइवे के निर्माण से करनाल जिले को काफी फायदा पहुंचेगा तो वहीं औद्योगिक विकास को पंख लगेंगे. यह हाईवे अम्बाला से कुरुक्षेत्र, करनाल, यमुनानगर, सहारनपुर, शामली जिले की सीमा से होता हुआ थाना भवन पहुंचेगा. जहां दिल्ली- शामली-सहारनपुर फोरलेन को जोड़ते हुए दिल्ली-देहरादून इकनामिक कारिडोर में मिलेगा. इस सिक्स लेन एक्सप्रेस-वे के निर्माण से हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ से वेस्ट यूपी का सफर सुहाना और कम समय में तय हो सकेगा.
वहीं, सिक्स लेन हाइवे निर्माण पर संबंधित किसानों की आपत्तियों को लेकर प्रदूषण राज्य नियंत्रण बोर्ड क्षेत्रीय अधिकारी शेलेंद्र अरोड़ा ने बताया कि अधिकतर किसानों ने अधिगृहित भूमि का मुआवजा देने, नेशनल हाईवे के दोनों ओर भूमि विभाजित होने बारे, पानी की निकासी सहित समस्या एवं शिकायतें रखी थीं, जिनका अधिकारियों ने समाधान का आश्वासन दिया है.
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