चंडीगढ़ | हरियाणा में VIP कल्चर को खत्म करने के लिए सरकार की तरफ से काफी प्रयास किए जा रहे हैं. इसी दिशा मे अब सरकार की तरफ से एक बड़ा कदम उठाया गया है. मुख्यमंत्री और मंत्रियों सहित आला अधिकारियों के पास रहने वाले VIP नंबर अब आम आदमी भी खरीद पाएंगे. इसके लिए उन्हें नीलामी में भी शामिल होना होगा. जिसके लिए उन्हें संबंधित वीआईपी नंबर खरीदने के लिए आरक्षित मूल्य या उससे ज्यादा कीमत भी चुकानी पड़ सकती है. परिवहन विभाग के प्रधान सचिव नवदीप सिंह विर्क ने संशोधित पॉलिसी की अधिसूचना जारी की.
हरियाणा सरकार का बड़ा कदम
इसमें बताया गया कि यदि कोई व्यक्ति अपने परिवार के किसी सदस्य को भी VIP नंबर हस्तांतरित करना चाहता है, तो उसे 2,000 रूपये की फीस देनी होगी. आमतौर पर हर व्यक्ति को अपने वाहन पर वीआईपी नंबर प्लेट लगाने का शौक होता है, इस शौक के चलते कई बार लोग वाहन से ज्यादा खर्चा वीआईपी नंबर पर कर देते हैं. पहले हर सीरीज में 1 से 100 तक नंबर सरकारी वाहनों के लिए आरक्षित होते थे, जिस वजह से आम लोग इन नंबरों को लेने की सोच भी नहीं सकते थे.
वहीं, इस साल की शुरुआत से ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आदेश जारी कर दिए थे कि परिवहन अथॉरिटी के वीआईपी नंबरों पर अब नेताओं और अफसरों का अधिकार नहीं रहेगा. उन्होंने खुद अपने काफिले में शामिल सरकारी गाड़ियों से 0001 नंबर हटा दिया था, जिसके बाद मुख्य सचिव संजीव कौशल ने भी अपनी गाड़ी से VIP नंबर हटा दिया था. प्रदेश में कुल 179 गाड़ियों पर 0001 नंबर था, जिन्हें अब आम लोगों को इस्तेमाल करने के लिए दिया जाएगा.
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