करनाल | बीते काफ़ी दिनों से चल रहे किसान आंदोलन (Kisan Aandolan) को अब किसी भी तरह पूरी तरह से खत्म कर दिया जाए, इसके लिए हरियाणा सरकार अब कोई भी कसर बाकी नहीं छोड़ रही है. यही मुख्य वजह बताई जा रही है कि अब सरकार किसानों को उनकी भलाई के लिए किए गए कामों की गिनती उनके द्वारा छेड़ी गई ‘जंग’ को खत्म कराने में पूरी तरह से लग गई है. सरकार ने अभी तक किसानों के भले के लिए क्या -क्या किया है और आगे भी क्या कर सकती है या फिर करने जा रही है, इन सभी आंकड़ों सहित जानकारियां केंद्र व हरियाणा सरकार अलग- अलग तरीकों से प्रदर्शन कर रहे किसानों तक पहुंचा रही है.
कोविड काल यानी इस महामारी के समय में सरकार ने कैसे किसानों को लाभ पहुंचाया, और किस प्रकार से उनकी गेहूं की फसल खरीदने के लिए लॉकडाउन में अलग- अलग मंडियों का चयन करने का मौका दिया और इसकी व्यवस्था की साथ ही साथ में एम एस पी पर उनका सारा गेहूं खरीदा तथा बाद में किस तरह किसानों को उनके द्वारा भेजे गए गेहूं की राशि सीधे उनके खातों में पहुंचाई आदि जैसी सभी जानकारियों से आंदोलन के इस कठिन समय में किसानों को एक बार फिर से याद करवाया जा रहा है.
सी एम मनोहर लाल खट्ट्र ने किया दावा, जानें क्या कहा
आत्मनिर्भर भारत योजना के अन्तर्गत किसान से जुड़ी परियोजनाओं की अधिक से अधिक जानकारी भी किसानों विभिन्न माध्यमों की सहायता से पहुंचाई जा रही है. ऐसा केवल इसलिए किया जा रहा है क्योंकि हरियाणा सरकार ने भी इसी योजना के अन्तर्गत कृषि से जुड़े क्षेत्र में लगभग 6600 करोड़ रुपए खर्च करने है और अब इसके लिए केंद्र सरकार से बजट भी मांगा हुआ है. प्रदेश के सी एम मनोहर लाल खट्ट्र का दावा है कि इन सभी परियोजनाओं से हरियाणा की किसानों में काफी ज्यादा सुधार देखने की मिल सकता है और किसानों की आर्थिक हालत भी सुधर सकती है.
इसी तरह किसानों ने भी संवाददाताओं से बातचीत की और अपना पक्ष रखते हुए यह बताया है कि आत्मनिर्भर भारत योजना के अन्तर्गत लगभग ढाई करोड़ किसानों के लिए 2 लाख करोड़ के रियायती ऋण की भी व्यवस्था की गई है. किसान क्रेडिट कार्ड के लिए 76.82 लाख आवेदन अब तक के समय में कुल किए जा चुके हैं और इसी मामले में लगभग 58.53 लाख कार्ड , किसानों तक पहुंचा भी दिए जा चुके हैं.
हरियाणा में छह फसलें खरीदीं गई है एम एस पी पर , अब सिर्फ़ पंजाब के किसान अपनी सरकारी व्यवस्था से हो रहे हैं परेशान
हरियाणा ऐसा केवल एक ही राज्य है, जिसने छह फसलों को उनके द्वारा निर्धारीत किए गए एम एस पी पर खरीदा है. दुष्यंत चौटाला, उप मुख्यमंत्री, हरियाणा ने भी संवाददाताओं से बातचीत करते समय कहा है कि प्रदेश सरकार ने मक्के को बाजार में मिल रहे दामो से 600 रुपए प्रति क्विंटल ज्यादा मे खरीदा है और साथ ही साथ बाजरा को बाजार से 700 रूपए ज्यादा की कीमतों पर खरीदा है. वहीं दूसरी ओर एम एस पी पर धान की 56 लाख मीट्रिक टन तक खरीद हुई है और धान की गई खरीद का पैसा सीधा किसानों के खाते में भेजा गया है.
ऐसे में पंजाब के किसान वहां की सरकार की खराब व्यवस्था से खफा हैं औरउनके लिए यदि मुख्य वजह है कि वह दिल्ली पहुंचकर आंदोलन कर रहे हैं. ऐसे में, सरकार उनकी भलाई के लिए जरूर कोई ठोस कदम उठाएगी. वार्ता को विराम देते हुए कहा कि “चौधरी देवी लाल जी किसानों की आवाज थे और अब यह मेरी भी जिम्मेदारी है कि मैं किसानों के हक में काम करूं”.
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