26 वर्षों बाद लागू किया गया नया कानून, गांवों में महंगा हुआ भूमि हस्तांतरण

पंचकुला | हरियाणा में गांवों का भूमि हस्तांतरण अब पहले से महंगा कर दिया गया है. ऐसा केवल इसलिए हुआ है, क्योंकि प्रदेश में मौजूदा सरकार यानी बी जे पी और जे जे पी के गठबंधन से बनी हुई सरकार ने स्टांप ड्यूटी में बढोतरी कर दी है और अब स्टांप ड्यूटी में बढोतरी होने के बाद लगभग दो प्रतिशत की दर से सरचार्ज वसूल किया जा सकता है. पंचायत चुनाव से बिल्कुल थोड़े समय ही पहले इस फैसले को लेकर गांवों में चर्चा चल रही है.

Haryana CM Manohar Lal

फरवरी माह के पहले पखवाड़े में आयोजित हो सकते है छठे आम पंचायत चुनाव 

हालांकि, हरियाणा सरकार द्वारा बहुत पहले ही यह फैसला ले लिया गया है, किंतु इसके लिए दिशा निर्देश विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव के पद का कार्य भार संभाल रहे सुधीर राजपाल ने अब संवादाताओं से बातचीत करते समय इस जानकारी को सभी के बीच सांझा किया है.

भविष्य में यहां से सरचार्ज में इकट्ठा होने वाली राशि को जिला परिषदों व ग्राम पंचायतों को गांव में विकास आदि जैसे कार्यों के लिए दिया जा सकता है. हरियाणा में आने वाले समय में यानी अगले साल फरवरी माह के पहले चरण में छठे आम पंचायत चुनाव आयोजित होने की संभावना जताई जा रही है. इसकी अधिसूचना (Notification) लगभग जनवरी माह में जारी की सकती है.

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स्टांप ड्यूटी पर लगभग दो प्रतिशत तक लगेगा सरचार्ज 

पंचायत चुनाव आयोजित कराने के लिए हरियाणा सरकार ने राज्य चुनाव आयोग को पत्र भेज दिया है. ऐसे में चुनाव आयोग इसकी सभी विशेष तैयारियों में भी जुट गया है. तीन नगर निगमों सहित करीबन छह शहरी निकायों के चुनाव के बाद अब सुचारू ढंग से पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. ऐसे में स्टांप ड्यूटी पर दो प्रतिशत सरचार्ज ( Surcharge) को लेकर गांवों में भी बड़े स्तर पर वाद विवाद होते नज़र आ रहे हैं.

सरचार्ज वसूलने से सरकार के राजस्व में हो रही है बढ़ोतरी

हरियाणा के गांवों में अचल संपत्ति यानी भूमि व मकान की खरीद या बेच, उपहार, बंधक और किसी भी प्रकार से ट्रांसफर (हस्तांतरण) से जुड़े दस्तावेजों पर भारतीय स्टांप कानून 1899 ( Indian stamp rule 1899) के तहत जो भी ड्यूटी यानी शुल्क सरकार द्वारा तय किया गया है, उस पर दो फ़ीसद की दर से सरचार्ज यनी अधिभार लगाने से सरकार के खजाने में राजस्व में बढोतरी की उम्मीद की जा रही है. वहीं दूसरी ओर कोविड यानी महामारी फैलने के बाद से सरकार के राजस्व में इस बार भारी कमी देखने को मिली है, जिसकी अब धीरे -धीरे भरपाई होती नज़र आ रही है.

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वसूले गए शुल्क को ग्राम पंचायत व जिला परिषद को विकास के लिए सौंपा जाएगा

विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव सुधीर राजपाल जी द्वारा शासकीय गजट में जारी किए गए आदेश मे स्पष्ट रूप से यह कहा गया है कि जितना भी शुल्क राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के द्वारा इक्ट्ठा किया जाएगा, उस वसूल किए गए शुल्क को ग्राम पंचायत व जिला परिषद को सौंप दिया जाएगा. इस जमा हुई राशि से ग्राम पंचायतें व जिला परिषदें अपने इलाकों में विकास करने के कार्यों का मौका हासिल कर सकतीं हैं.

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बीते 26 सालों बाद अब वसूल किया जाएगा शुल्क

पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट के वकील हेमंत कुमार जी के मुताबिक और राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए आदेशों के मुताबिक़ शासकीय दिशा निर्देश जारी होने की तिथि से लगभग 15 दिनों की अवधि के अंदर ही सभी ग्राम पंचायतों के द्वारा इसे अपने अपने ग्राम सभा क्षेत्र में सुचारू ढंग से शुरू कर दिया जाएगा. यह दो फ़ीसद शुल्क लगाने से जुड़ा प्रावधान हरियाणा पंचायती राज कानून 1994 की धारा 41(1) (बी) में ही देखने को मिल सकता है, किंतु आज तक बीते 26 सालो मे इसे नहीं लगाया गया, परंतु अब से इसे मान्यता प्राप्त हो चुकी है.

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