डबवाली | 34 वर्षीय कुणाल को लॉकडाऊन के दिनों में पता चला था कि अब उसकी किडनी काम नहीं कर रही है. ऐसे में उसने सोचा कि बीमारी के बारे में जानने के बाद परिवार के सदस्य चिंता ले सकते हैं, यही सोच कर वह चुप हो गया. एक दिन बड़े भाई अमित भटनागर ने उसे दवा लेते हुए मौके पर पकड़ लिया, उसी समय बीमारी पूछी और सीधा डॉक्टर के पास ले गया. फिर वहां पहुंच कर हालात जानने के बाद पैरों तले से जमीन खिसक गई. साथ ही साथ में डॉक्टर ने कहा जल्द से जल्द डायलसिस करवाना होगा और इसके अलावा अगर किडनी नहीं मिली तो जिंदगी से हाथ धोना पड़ सकता है.
8 महीनों तक चली, किडनी ट्रास्पलांट की कानूनी कार्यवाही
अब परिस्थिति काफ़ी गंभीर रूप ले चुकी थी और यहां अहम सवाल यह था कि किडनी कौन देगा? ऐसे में अमित और कुणाल का मंझला भाई किडनी देने के लिए सुमित आगे आया. काफ़ी मसशक्तो के बाद दोनों का डी एन ए मैच कर गया. उसके बाद लगभग 8 महीनों में कानूनी कार्यवाही पूरी करने के पश्चात बिती 9 दिसंबर को पंचकूला स्थित एक निजी अस्पताल में छोटे भाई सुमित की किडनी बड़े भाई कुणाल के शरीर में ट्रांसप्लांट हुई है.
यह बात आज के युग में किसी फिल्मी कहानी नहीं से कम नहीं हैं, अपितु यह इन तीन भाइयों के मजबूत रिश्ते की जिंदादिली है. यहां हम आपको एक अहम बात बता दें कि परिवार डबवाली के वार्ड नं. 15 में एक छोटे से घर में किराए पर रहता है. यह तीनों भाई नजदीक शहर में स्थित दुकानों पर काम करते हैं.
लोगों ने खोल दिए अपने मंदिरों के गुल्लक, पूर्ण रूप से जमा हुई ट्रांसप्लांट के लिए राशि
किडनी ट्रांसप्लांट पर लगभग 6.50 लाख रुपये का खर्च आया है और ऐसे यह एक अहम सवाल है कि परिवार बेहद गरीब था तो इतने सारे पैसों का बंधोबस्त कैसे हुआ? यह जानने के लिए चलिए हम आपको डबवाली की संस्कृति से अवगत करवाते हैं. अगर यहां कोई भी जरुरतमंद परिवार किसी भी प्रकार से पीड़ा सहन कर रहा होता है तो यहां के लीग उसके दुख हर लेते हैं.
इस मामले में डबवाली के लोगों ने अपनी जिंदादिली का सबूत पेश किया है. यहां लोगों ने अपने घरों में मौजूद मंदिरों के गुल्लक खोल दिए तो दूसरी ओर टीम “अपने” ने लोगों से जमा किए 1.90 लाख रुपये और साथ ही साथ सीनियर सिटीजन वेलफेयर एसोसिएशन से जुड़े लोगों ने भी पेंशन से 50 हजार रुपए की राशि जमा कर अपना सहयोग दिया है.
बड़े भाई अमित भटनागर ने कहा “लोगों को अब कानूनी प्रक्रिया में नहीं होगी दिक्कत, मै करूंगा लोगों की मदद “
कुणाल के बड़े भाई अमित भटनागर जी ने अपनी बात रखते हुए कहा है कि किडनी ट्रांसप्लांट करने वाले डॉ. नीरज गोयल जी का कहना है कि मेरे भाई को जल्द ही छुट्टी मिल जाएगी और मेरा भाई एक बार फिर से स्वस्थ सिर्फ़ आप सभी लोगों के सहयोग देने की वजह से हुआ है. किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए कानूनी प्रक्रिया काफी ज्यादा लंबी है. इस मामले में, मैं आठ माह जैसे लंबे समय तक इससे निकला पाया हूं, किंतु अब मुझे पता चल गया है कि किस लेवल पर कौन सा काम कैसे होना है. इसलिए अब से मैं किडनी पीडि़त लोगों की कानूनी प्रक्रिया पूरी करवाने के लिए बढ़ चढ़ कर उनकी मदद करूंगा. इसके लिए चाहे मुझे अपना काम ही क्यों न छोडऩा पड़े, मुझे उस बात का भी कोई अफसोस नहीं होगा.
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