ज्योतिष, Paush Month 2022 | हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर 1 महीने का अपना खास महत्व होता है. मार्गशीर्ष मास खत्म होते ही पौष मास शुरू हो जाएगा. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इसे दसवां महीना माना जाता है. इस महीने में भगवान सूर्य के साथ भगवान विष्णु की पूजा करने का विशेष महत्व होता है. इसके साथ ही इस महीने को छोटे पितृपक्ष के रूप में भी जानते हैं इसलिए इस महीने में पिंडदान, श्राद्ध तर्पण करना काफी शुभ माना जाता है. ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है.
कब से कब तक है पौष मास
हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष मास 9 दिसंबर से शुरू हो रहा है जो नए साल में 7 जनवरी को समाप्त होगा. इस महीने का अपना विशेष महत्व होता है.
पौष मास में अवश्य करें यह काम
- शास्त्रों के अनुसार, इस पूरे महीने में भगवान सूर्य की पूजा करें. इसके साथ ही भगवान सूर्य के मंत्रों का जप करें.
- इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा करना भी काफी शुभ माना जाता है. ऐसे में नियमित रूप से पूजा करने के साथ गीता का पाठ और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ अवश्य करें.
- पौष मास में रोजाना सूर्य देव को जल अर्पित करें. जल में सिंदूर, लाल फूल और थोड़ा सा अक्षत अवश्य डालें.
- भगवान विष्णु की असीम कृपा पाने के लिए इस महान लाल या पीले रंग के वस्त्र धारण करें.
- इस महीने में दान का भी विशेष महत्व होता है, इसलिए जरूरतमंदों को गर्म कंबल का दान करें.
- पौष मास में गुड़ का सेवन करना काफी अच्छा माना जाता है. इसके अलावा, अदरक, लौंग, अजवाइन जैसी गर्म चीजों का भी सेवन करें.
इन चीजों का भूलकर भी ना करें सेवन
- पौष मास में मांस- मदिरा के अलावा बैंगन, मूली, मसूर की दाल, फूलगोभी, उड़द की दाल का सेवन नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से हमारे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है
- इस महीने में चीनी का सेवन भी नहीं करना चाहिये.
- पौष मास में खरमास आरंभ हो जा जाता है, इसलिए किसी भी तरह के मांगलिक कार्य को करने की मनाही होती है.
- खरमास में नए काम या व्यवसाय का आरंभ करना शुभ नहीं माना जाता.
- इस महीने में नमक का सेवन भी कम से कम करें.