नई दिल्ली | केन्द्र की मोदी सरकार ने केन्द्रीय कर्मचारियों को बड़ा झटका दिया है. बता दें कि वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि मंहगाई भत्ते (DA) के 18 महीने का बकाया नहीं मिलेगा. दरअसल, कोविड काल के दौरान केन्द्रीय कर्मचारियों को छमाही आधार पर मिलने वाले महंगाई भत्ता और पेंशनर्स के महंगाई राहत पर रोक लगा दी गई थी. ऐसे में अब कर्मचारियों को 18 महीने का बकाया DA और DR नहीं मिलेगा.
क्या है मामला
केन्द्र सरकार ने कोरोना महामारी से बेकाबू हुएं हालातों का हवाला देते हुए कर्मचारियों को 18 महीने यानि 1 जनवरी 2020 से 30 जून 2021 के बीच डीए का भुगतान नहीं किया है. ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि हालात सामान्य होने पर सरकार बकाया डीए का भुगतान कर सकती हैं लेकिन अब स्पष्टीकरण के बाद साफ हो गया है कि केन्द्रीय कर्मचारियों को बकाया नहीं मिलेगा.
राज्यसभा में सरकार का जवाब
राज्यसभा के शीतकालीन सत्र में सांसद नारण भाई जे. राठवा ने वित्त मंत्री से सवाल किया था कि क्या सरकार 18 महीने के बकाया महंगाई राहत देने पर कोई विचार कर रही है. इस सवाल का जवाब देते हुए वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों/ पेंशनर्स को देय 18 माह के DA/ DR के बकाया भुगतान के संबंध में विभिन्न अभ्यावेदन प्राप्त हुएं हैं. वित्तीय साल 2020-21 के बाद भी आर्थिक परिस्थितियों में उतना सुधार नहीं हुआ है. ऐसे में DA/ DR के बकाया राशि को जारी करना व्यावहारिक नहीं है.
क्या है नियम?
बता दें कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक, केंद्रीय कर्मचारियों को छमाही आधार पर महंगाई भत्ता या राहत में इजाफा करना होता है. यही कारण है कि सरकार साल में दो बार महंगाई भत्ता या राहत में इजाफा करती है. हालांकि, कोविड काल के दौरान तीन छमाही तक महंगाई भत्ता या राहत जस की तस बनी रही. इसी तीन छमाही की मांग लगातार केन्द्रीय कर्मचारी कर रहे थे.
क्या होता है महंगाई भत्ता
महंगाई भत्ता ऐसा पैसा है जो महंगाई बढ़ने के बावजूद सरकारी कर्मचारियों के जीवन स्तर को बनाये रखने के लिये दिया जाता है. यह पैसा सरकारी कर्मचारियों, पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को दिया जाता है. इसका कैलकुलेशन देश की मौजूदा महंगाई के अनुसार, हर 6 महीने पर किया जाता है.
DA के बाद कैसे बदलती है सैलरी
इसके लिए नीचे लिखे फॉर्मूला में अपनी सैलरी भरें..(बेसिक पे + ग्रेड पे) × DA % = DA अमाउंट
आसान भाषा में समझें तो बेसिक सैलरी में ग्रेड सैलरी को जोड़ने के बाद जो सैलरी बनती है, उसमे महंगाई भत्ते की दर का गुणा किया जाता है. जो नतीजा आता है, उसे ही महंगाई भत्ता यानि Dearness Allowance (DA) कहा जाता है.
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