चंडीगढ़ | हरियाणा में पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Yojana Haryana) को दोबारा से लागू करने को लेकर प्रदेश की खट्टर सरकार द्वारा विचार विमर्श किया जा रहा है. इसके लिए बकायदा खट्टर सरकार ने पुरानी पेंशन योजना दोबारा से लागू करने के बाद होने वाले सरकारी खजाने पर बोझ को लेकर हिसाब किताब लगाना आरंभ कर दिया है. पुरानी पेंशन योजना को दोबारा से लागू करने के लिए कर्मचारियों द्वारा लंबे समय से प्रयास किया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो नए साल तक कर्मचारियों को तोहफा मिल सकता है.
नए साल तक मिल सकता है तोहफा
जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से वित्त विभाग से जानकारी मांगी गई है कि पुरानी पेंशन बहाल कर दी जाए तो इससे बजट पर क्या कुछ प्रभाव पड़ेगा. वित्त विभाग को तुरंत प्रभाव से रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया है, जिसके बाद महकमे के अधिकारी तत्काल प्रभाव से कार्य शुरू कर चुके हैं. ऐसे में अब कयास लगाए जा रहे हैं कि हरियाणा में पुरानी पेंशन योजना फिर से लागू हो सकती है.
2004 में शुरू हुई थी नई पेंशन योजना लागू
बता दें कि पड़ोसी प्रदेश राजस्थान और पंजाब के बाद अब हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना लागू करने से बड़े दबाव के कारण मनोहर सरकार ने भी इस दिशा में विचार शुरू किया है. सरकारी कर्मचारियों के लिए पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने केंद्र में जनवरी 2004 में नई पेंशन योजना लागू की थी. इसे हरियाणा में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जनवरी 2006 से लागू कर दिया था. तभी से कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली की मांग करते आ रहे हैं.
इस वजह से सरकार ने किया विचार
आंदोलन ने मार्च में जोर पकड़ा जब राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के बाद नई सरकारों ने अपने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल कर दी. हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पुरानी पेंशन का मुद्दा उठाया था लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि नई पेंशन योजना ही लागू रहेगी. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार पेंशन बहाल करने को लेकर विधानसभा में प्रस्ताव पास कर चुकी है. हाल ही में, पंजाब और हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बाद हरियाणा में भी परिस्थितियां बदली है.
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