नई दिल्ली | वरिष्ठ नागरिकों को रेल किराए पर मिलने वाली रियायतों को लेकर पिछले लंबे समय से विपक्षी दलों की आलोचनाओं का सामना कर रही केन्द्र सरकार ने इस मामले पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में इसके संकेत देते हुए बताया कि इन रियायतों को फिलहाल बहाल नहीं किया जा सकता है.
बता दें कि कोविड काल के दौरान रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों को किराए में दी जाने वाली सब्सिडी पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद विपक्षी दल लगातार मोदी सरकार से इसकी बहाली की मांग उठा रहे हैं. इसी संबंध में लोकसभा के शीतकालीन सत्र में महाराष्ट्र से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने सरकार से सवाल पूछा, जिसके जवाब में रेलमंत्री ने यह संकेत दिए.
रेल मंत्री ने बताई वजह
रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे ने यात्री सेवाओं के लिए 59,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है. यह एक बड़ी रकम है और कुछ राज्यों के वार्षिक बजट से भी बड़ी है. साथ ही रेलवे का वार्षिक पेंशन बिल 60,000 करोड़ रुपये है और वेतन बिल 97,000 करोड़ रुपये है जबकि ईंधन पर 40,000 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि रेलवे नई सुविधाएं लेकर आ रहा है. ऐसे में कोई नया फैसला लेना होगा तो वो केन्द्र सरकार लेगी लेकिन वर्तमान में सभी को रेलवे की स्थितियों पर गौर करना चाहिए.
64 प्रतिशत कम हो गया IRCTC का राजस्व
एक अन्य सवाल के जवाब में रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कोरोना संबंधी यात्रा पाबंदियों के कारण IRCTC का राजस्व 2019-20 की तुलना में 2020-21 के दौरान लगभग 64 प्रतिशत कम हो गया है. उन्होंने बताया कि स्थिति सामान्य होने के बाद राजस्व धीरे- धीरे बढ़ रहा है.
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