बासमती धान के भाव में बड़ा उछाल, अभी और बढ़ेंगे दाम; ये है बड़ी वजह

फतेहाबाद | हरियाणा में धान की खेती करने वाले किसानों की चांदी बनी हुई है. खाड़ी देशों में डिमांड के चलते बासमती किस्म के धान पुसा 1121 व मुच्छल 1401 के भावों में लगातार तेजी दर्ज हो रही है और गुरुवार को इन दोनों किस्मों का भाव 4,500 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है. ईरान के अंदरूनी हालात सामान्य होने की दिशा में इनके भाव में और अधिक उछाल देखने को मिल सकता है.

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पिछले साल इन दोनों किस्मों का भाव तीन हजार से 3,200 रुपए प्रति क्विंटल तक किसानों को मिला था लेकिन इस बार धान का रकबा घटने और गोदामों में पिछला स्टॉक समाप्त होने की वजह से अक्टूबर यानि सीजन की शुरुआत से ही ऊंचा भाव मिल रहा है. सीजन की शुरुआत से ही किसानों को 1121, 1401 व 1509 किस्म का भाव 3,000 रुपए प्रति क्विंटल मिलने लगा था. नवम्बर में यह भाव साढ़े तीन हजार के पार पहुंच गया था.

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पिछले कुछ दिनों से विदेशों में बासमती धान की डिमांड तेजी से बढ़ी है तो ऐसे में भाव में भी उछाल देखने को मिल रहा है. फिलहाल, भाव 4,500 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है और एक्सपोर्ट कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि विदेशों में बासमती धान की डिमांड के चलते भाव में और वृद्धि होने की पूरी उम्मीद बनी हुई है.

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इन देशों में होता है एक्सपोर्ट

भारत से बासमती धान की किस्म 1121 व DB-1401 पैक होकर मध्य एशिया के करीब 22 देशों में एक्सपोर्ट होता है. इनमें सऊदी अरब, ईरान, ईराक, ओमान, बहरीन, कुवैत प्रमुख रूप से शामिल हैं. फतेहाबाद की एक्सपोर्ट फर्म जिंदल इंडस्ट्री व जिंदल बासमती इंडिया लिमिटेड का माल इन देशों में एक्सपोर्ट होता है. इन फर्मों का 50 हजार टन माल मध्य एशिया के देशों में एक्सपोर्ट होता है.

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सबसे बड़ा बासमती निर्यातक है भारत

मिली जानकारी अनुसार, हर साल भारत से लगभग 45 लाख टन बासमती धान एक्सपोर्ट होता है जबकि गैर बासमती धान का आंकड़ा करीब 2 करोड़ टन है. पूरी दुनिया की बात करें तो भारत चावल एक्सपोर्ट करने की सूची में पहले नंबर पर है. दुनिया भर में एक्सपोर्ट होने वाले चावलों मे भारत की हिस्सेदारी 40% है जबकि बासमती किस्म के मामले में यह आंकड़ा 90% तक पहुंच जाता है.

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