ह‍रियाणा का किसान 200 गज में खेती कर हो रहा मालामाल, जाॅब छोड़कर उगा रहा सुपर मशरूम

गुरुग्राम । हरियाणा के गुरुग्राम में एक इंटरनेशनल कंपनी में अच्छी जॉब कर रहे एक युवा ने अपनी नौकरी को इसलिए छोड़ दिया क्योंकि वह एक विशेष किस्म की मशरूम की खेती करना चाहता था. युवक का नाम आयुष्मान कालरा है. असल में जब उसकी पत्नी बीमार हो गई तो उनको इस प्रकार की खेती करने का विचार आया. वे केवल 200 गज के क्षेत्र में इस विशेष सुपर मशरूम की खेती कर रहे हैं और मोटा पैसा कमा रहे हैं. इन मशीनों को बेचने के लिए उन्होंने स्वयं की कंपनी भी बना ली है.

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पिता और दादा दोनों ही हैं पुराने वैद्य

आयुष्मान कालरा राजस्थान के भिवाड़ी के मूल निवासी हैं. वह तीन अलग-अलग इंटरनेशनल कंपनियों में जॉब कर चुके हैं. उन्होंने अपनी एमबीए की पढ़ाई पूरी की और उसके बाद वे गुरुग्राम के सेक्टर 51 में आ गए थे. गुरुग्राम में नौकरी मिलने के बाद उनकी शादी तनुश्री गुप्ता से हो गई. उनके पिता और दादा दोनों ही पुराने वैध हैं. लेकिन उन्होंने अपने इस हुनर को कभी भी लाभ कमाने के लिए प्रयोग नहीं किया. एक दिन आयुष्मान की पत्नी को छाती में दर्द हुआ तो डॉक्टरों ने मैमोग्राफी करवाने के लिए कहा.

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मशरूम के इस्तेमाल से पत्नी हुई स्वस्थ

जब यह बात पिता, चाचा और दादा तक पहुंची तो उन्होंने आयुष्मान कालरा को एक विशेष किस्म की मशरूम के बारे में बताया और कुछ आयुर्वेदिक नुस्खे भी बताए. मशरूम, आयुर्वेद और अनुभव के इस मिश्रण का भरपूर लाभ मिला. अब आयुष्मण कालरा की पत्नी तनुश्री पूर्ण रूप से स्वस्थ है. इस दौरान आयुष्मान कालरा ने विशेष किस्म की मशरूम के इतने अच्छे फायदे देखें तो इसकी खेती करने का ही मन बना लिया.

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बना ली स्वंय की कम्पनी

आयुष्मान कालरा ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर केवल 200 गज के क्षेत्र में मशरूम की खेती को करना शुरू कर दिया. फिर धीरे-धीरे उन्होंने अपनी एक कंपनी भी बना ली, जिसका नाम बायोक्रीडेंस रखा गया. यह कंपनी मशरूम उगाने के साथ-साथ उसके मिश्रण को तैयार करके महिलाओं के स्वास्थ्य सुधार की दिशा में पूरी मेहनत और शिद्दत के साथ कार्य कर रही है.

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खेती का मुख्य उद्देश्य-महिलाओं के स्वास्थ्य को सुधारना

आयुष्मान कालरा के अनुसार मशरूम की खेती करने के पीछे उनकी मंशा लाभ कमाना कम है और महिलाओं की समस्याओं के समाधान के लिए मिश्रण को तैयार करना अधिक है. आयुष्मान ने कहा कि हम दोनों पति-पत्नी मिलकर 2 साल से इस विशेष किस्म के मशरूम की खेती कर रहे हैं. यह मशरूम और आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां इतनी अधिक फायदेमंद है कि महिलाओं और छोटी बच्चियों की ओवरी की सिस्ट, त्वचा रोग, असंतुलित प्रतिरोध, हार्मोन असंतुलन, मासिक धर्म में अनियमितता, थकावट, वजन में बढ़ोतरी, बालों की गिरावट को दूर करने में काफी सहायक साबित हो रही हैं.

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