नई दिल्ली | नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) का लगातार विरोध कर रहे किसानों का आंदोलन (Kisan Aandolan) आज 26 वें दिन भी जारी है. ऐसे में किसान अभी भी अपनी मांगों पर डटे हुए हैं और वहीं दूसरी ओर सरकार समय समय पर लगातार बातचीत से इस मामले का हल निकालने को ले कर खोखले दावा कर रही है.
इस दौरान बीते रविवार को दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसान नेताओं की एक अहम बैठक का आयोजन हुआ था . इस मौके पर मौजूद प्रमुखों द्वारा स्पष्ट रूप से फैसला लिया गया है कि आज सोमवार यानी 21 दिसंबर को सभी किसानो के प्रदर्शन स्थलों पर 11 किसान एक दिन की भूख हड़ताल पर बैठ सकते हैं.
ऐसे में अब आने वाली 23 दिसंबर के दिन को किसान दिवस पर प्रदेश के किसान एक ही समय उपवास करने में अपनी एकता का प्रदर्शन दिखा सकते हैं और साथ ही साथ में पूर्ण रूप से यह भी ऐलान किया गया कि हरियाणा में 25 से 27 दिसंबर तक किसी भी टोल का भुगतान नहीं किया जाएगा.
‘डरा रही सरकार’ किसानों व आढ़तियों के घर पड़ रहे इनकम टैक्स के छापे
किसान संगठनों ने अब सत्ता में मौजूद सरकार पर किसानों व आढ़तियों दोनों को ही डराने के लिए इनकम टैक्स (Income tax) के छापे पड़वाने का आरोप लगाया है. ऐसे में किसान नेता ने साफ़ तौर पर संवादाताओं से अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि किसानों व आढ़तियों को इनकम टैक्स के छापों से डराना बहुत ही ग़लत तरीका है.
किसानों ने सरकार को सौंपा खुला पत्र, जताई नाराज़गी
साथ ही साथ अब किसान संगठनों ने पी एम नरेंद्र दामोदर दास जी मोदी (Narendra Modi) और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जी (Narendra Singh Tomar) को एक स्पष्ट रूप से लिखित में खुला पत्र भी दिया है है जिसमें उनके संगठनों द्वारा साफ़ तौर पर विपक्ष को उनकी बातों द्वारा गुमराह करने के आरोपों को लेकर कड़ी निंदा करते हुए नाराज़गी जताई है. किसान आंदोलन (Farmers Protest) आज 25 वें दिन भी जारी है. इस बीच किसानों ने ऐलान किया है कि आज यानी कि सोमवार को किसान भूख हड़ताल करेंगे और हरियाणा में 25 से 27 तक टोल नहीं देंगे.
जब तक बिल वापस नहीं होगा, किसान नहीं जाएंगे, सिंघु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पर शहीद हुए किसानो के लिए रखी अरदास
भारतीय किसान यूनियन (बी के यू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत जी ने अपना पक्ष रखते समय कहा है कि, जब तक यह किसान बिल वापस नहीं लिया जाता है, तब तक एम एस पी (MSP) पर भी किसी भी प्रकार का कानून नहीं बनाया जा सकता है और चाहे किसी भी परिस्थिति का सामना करना पड़े तब तक किसान यहां से नहीं जाएंगे.
23 दिसंबर की तारीख को किसान दिवस के उपलक्ष पर किसान आम आदमी से कह रहे हैं कि आप भी एक समय का भोजन ग्रहण न करें और किसान आंदोलन को याद कर अपने घर पर ही बैठ कर सिंघु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पर धरना प्रर्दशन कर रहे किसानो का साथ दे. ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि (दिल्ली व हरियाणा) सिंघु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पर किसानों ने इस आंदोलन में जान की बाजी लगाने वाले किसानों के लिए अरदास रखी है.
पश्चिमी यू पी के किसानों ने दिया कानून को समर्थन
जहां एक ओर किसान सरकार द्वारा लागू किए गए नए कृषि कानून (New Farm Laws) के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं और उन्हे काले कानूनों का दर्ज़ा दे रहे हैं ,वहीं दूसरी ओर कुछ किसान ऐसे भी सामने निकल कर आ रहे हैं जो इन कानूनों का समर्थन भी कर रहे हैं. बीते रविवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों ने वहां के कृषि भवन में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह जी (Narendra Sigh Tomar) तोमर से मुलाकात कर उनके साथ विचार विमर्श करने के पश्चात नए कानूनों को लागू करने को लेकर समर्थन देते हुए ज्ञापन सौंपा है.
कुछ समय पहले हरियाणा के संगठनों ने भी सौंपा था ज्ञापन
इससे पूर्व हरियाणा के कुछ किसान संगठन भी कृषि मंत्री तोमर को अपना समर्थन पत्र सौंप चुके हैं. उनके द्वारा सरकार की ओर से लागू किए गए नए कानून बिल्कुल सही है और उन्होने उन्हें रद्द न किए जाने की मांग जाहिर की और साथ ही साथ MSP और मंडी प्रवृति को जारी रखने की भी मांग उनके समक्ष प्रस्तुत की थीं.
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