नई दिल्ली | बजट 2023-24 में केंद्र सरकार कुछ वित्तीय लेनदेन के लिए पैन कार्ड की अनिवार्यता खत्म कर सकती है. अगर आधार कार्ड पहले से मौजूद है तो वित्तीय लेनदेन में पैन कार्ड की जरूरत को खत्म किया जा सकता है. बैंकों ने सरकार को यह सुझाव दिया है. इन वित्तीय संस्थानों का कहना है कि चूंकि खाते आधार से लिंक है इसलिए पैन की कोई जरूरत नहीं है. दरअसल, इस कदम का मकसद वित्तीय संस्थानों और बैंकों की मांग के मुताबिक नियमों को आसान बनाना है.
मौजूदा नियमों के तहत पैन कार्ड अनिवार्य
जानकारी के मुताबिक, सरकार को इस संबंध में प्रस्ताव मिले हैं और उनका निरीक्षण किया जा रहा है. फिलहाल, अगर किसी वित्तीय लेनदेन के दौरान पैन कार्ड नहीं दिया जाता है तो आयकर अधिनियम की धारा 206एए के तहत लेनदेन पर 20 फीसदी तक कर लगाने का प्रावधान है. कुछ बैंक ग्राहकों ने आयकर अधिनियम में संशोधन का सुझाव दिया है क्योंकि बैंकों से कर्ज को लेकर भी कुछ समस्याएं आ रही हैं.
ग्राहकों को राहत देने की मांग
कुछ बैंक चाहते हैं कि आयकर अधिनियम में संशोधन किया जाए ताकि मौजूदा व्यवस्था के कारण होने वाले अनावश्यक भ्रम से बचा जा सके. संबंधित अधिकारी ने कहा कि मामले पर एक संभावित स्पष्टीकरण एक निर्दिष्ट सीमा निर्धारित कर सकता है, जिसके नीचे पैन कार्ड की आवश्यकता नहीं हो सकती है.
दरअसल, बैंक से पैसों के लेन-देन के दौरान कुछ दिक्कतें सामने आई थीं और धोखाधड़ी और टैक्स चोरी रोकने के लिए पैन कार्ड लागू किया गया था इसलिए अगर कोई ग्राहक बड़ी रकम का लेन-देन करता है तो पैन कार्ड की जरूरत होती है.
20 लाख से ज्यादा के ट्रांजैक्शन में पैन कार्ड जरूरी
जानकारों का मानना है कि अगर पैन कार्ड को लेकर सरकार यह फैसला लेती है तो टैक्सपेयर्स को फायदा होगा. हालांकि, कुछ लेनदेन उच्च कर कटौती को आकर्षित कर सकते हैं. बता दें कि अगर कोई व्यक्ति एक साल के दौरान 20 लाख से ज्यादा का ट्रांजैक्शन करता है तो उसे पैन कार्ड दिखाना होता है.
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