नई दिल्ली | चीन में लगातार बढ़ते कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से अधिकतर देश अब सतर्क हो चुके हैं. यही कारण है कि अब भारत में भी सख्ती दिखानी आरंभ कर दी है. केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने ट्वीट कर कहा है कि 1 जनवरी 2023 से चीन, हांगकांग, जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, थाईलैंड से आने वाले सभी यात्रियों के लिए आरटी पीसीआर टेस्ट अनिवार्य है. उन्हें यात्रा से पहले अपनी रिपोर्ट देनी होगी.
अमेरिका ने भी चीन से आने वाले को सभी यात्रियों के लिए कोविड-19 संबंधी जांच अनिवार्य बुधवार को जरूरी कर दी है. चीन में तेजी से बढ़ते संक्रमण के मामले के मद्देनजर देश में वायरस बंदी कड़ी पाबंदियां फिर लागू किए जाने की आशंका है.
नए साल पर कोरोना का बड़ा खतरा
नए साल पर देश में कोरोना का बड़ा खतरा मंडरा रहा है. आशंका जताई जा रही है कि चीन और दुनिया के अन्य देशों में फैल रहा संक्रमण 30-40 दिनों में भारत को प्रभावित कर सकता है. जनवरी में कोरोना की नई लहर आने का खतरा है. सरकार ने अपने स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है. एक जनवरी से चीन, हांगकांग, जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और थाईलैंड से आने वाले यात्रियों को कोविड रिपोर्ट निगेटिव दिखाना अनिवार्य कर दिया गया है.
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि भारत यात्रा शुरू करने से पहले 72 घंटे के भीतर कोविड टेस्ट कराना होगा. ऐसे में आम लोगों को भी सतर्क रहने की जरूरत है. वैक्सीन की पूरी डोज और बूस्टर लेने के साथ ही मास्क पहनना होगा. नए साल के जश्न के बीच विशेषज्ञ भी सतर्क कर रहे हैं.
1 जनवरी 2023 से चीन, हांगकांग, जापान, साउथ कोरिया, सिंगापुर और थाईलैंड से आने वाले यात्रियों के लिए RTPCR टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है। यात्रा से पहले उन्हें अपनी रिपोर्ट एयर सुविधा पोर्टल पर अपलोड करनी होगी।
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) December 29, 2022
40 दिनों के अलर्ट के बीच केंद्र ने सतर्कता बढ़ा दी है. फिलहाल, देश के राज्यों पर नजर डालें तो 1-2 मामले बढ़ने लगे हैं. भारत में गुरुवार को 24 घंटे के अंदर 268 नए मामले सामने आए. महाराष्ट्र और केरल में एक-एक मरीज की मौत हुई है. उत्तराखंड के सभी स्कूलों में मास्क अनिवार्य कर दिया गया है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कही ये बात
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि महामारी के प्रसार के पिछले पैटर्न को देखते हुए भारत के लिए 40 दिन महत्वपूर्ण हैं. मंत्रालय के सूत्रों के एक अधिकारी ने कहा, पहले यह देखा गया था कि पूर्वी एशिया में कोविड-19 की चपेट में आने के 30-35 दिनों के बाद भारत में महामारी की एक नई लहर आई थी..यह एक चलन रहा है.
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि अगर कोविड की लहर आती भी है तो संक्रमित लोगों की मौत और अस्पताल में भर्ती होने की दर बहुत कम होगी. कोरोना वायरस के ऑमिक्रॉन के सब वेरियंट BF.7 ने मामले बढ़ा दिए हैं. BF.7 के फैलने की दर बहुत अधिक है और एक संक्रमित व्यक्ति 16 लोगों को संक्रमित कर सकता है.
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