नई दिल्ली, Share Market | भारतीय शेयर मार्केट के लिए साल 2023 की शुरुआत अच्छी नहीं रही. 6 जनवरी को समाप्त हुए सप्ताह में इक्विटी बेंच मार्क में 1.5% गिरावट दर्ज की गई. FOMC मिनट्स से मिले संकेतो के अनुसार, फेड अपने आक्रामक रुख से महंगाई पर काबू पाने की कोशिश में जुटा रहेगा. फेड रिजर्व के आक्रामक रुख की वजह से आर्थिक मंदी की आशंका भी गहरा रही है.
दूसरी तरफ, चीन समेत दुनिया के अन्य बड़े देशों में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं जिस वजह से निवेशक भी काफी अलर्ट हो गए हैं. 6 जनवरी को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और टेक्नोलॉजी जैसे प्रमुख सेक्टरों में बिकवाली का दबाव देखने को मिला.
जनवरी के पहले सप्ताह में दर्ज की गई गिरावट
आज से शुरू हो रहे जनवरी के दूसरे सप्ताह में मार्केट की चाल इन 5 चीजों पर काफी हद तक निर्भर रहेगी. इस सप्ताह में दिग्गज आईटी कंपनियों के दिसंबर तिमाही के नतीजे भी आने शुरू हो जाएंगे. स्टॉक एक्सचेंजो के पास उपलब्ध अर्निंग कैलेंडर के अनुसार, 60 से ज्यादा कंपनियां अपना अर्निंग स्कोर्ड कार्ड जारी करेंगी. वहीं, देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर सर्विस एक्सपोर्टर टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज पहली ओपनिंग इनिंग होने के नाते आज अपने तिमाही नतीजे पेश कर सकती है.
इंफोसिस और एचसीएल टेक्नोलॉजीज गुरुवार को और विप्रो शुक्रवार को अपने नतीजे जारी करेगी. एचडीएफसी बैंक शनिवार को अपने रिजल्ट पेश करेगा. दिसंबर महीने की CPI मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर आने वाले सप्ताह भी नजर रहेगी. फरवरी 2023 में होने वाली रिजर्व बैंक की MPC बैठक का यह अहम पॉइंट हो सकता है.
एक्सपर्ट की मानी जाए तो खाद्य कीमतों में गिरावट के बावजूद साल 2022 के आखिरी महीने के लिए स्थिर नंबर की उम्मीद है. आने वाले सप्ताह में ग्लोबल लेवल पर जिस डाटा पर निवेशकों की नजर रहेगी, वह अमेरिकी महंगाई दर का आंकड़ा है. दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था दिसंबर के लिए 6.5% से 7% की सीमा में रह सकती है.
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