हिसार | कभी बेमौसमी बारिश या फिर आंधी- तूफान, कभी कम या अधिक गर्मी- सर्दी इन सब वजहों से किसान को फसल उत्पादन में गिरावट झेलनी पड़ती है और उसे आर्थिक नुकसान पहुंचता है. इस रबी सीजन में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है. किसानों ने चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि गेहूं की फसल में नीचे की पत्तियां पीली पड़ रही है. ऐसे में कृषि विभाग ने कुछ उपाय सुझाए हैं, जिससे किसान अपनी गेहूं की फसल को सुरक्षित कर सकते हैं.
कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि गेहूं की फसल के लिए कम तापमान सबसे उपयुक्त होता है. उन्होंने बताया कि गेहूं की फसल के लिए उपयुक्त तापमान 6 डिग्री सेल्सियस से 15 डिग्री सेल्सियस तक होता है. ऐसे में जब तापमान इससे ज्यादा या कम हो जाता है तो गेहूं की पत्तियां पीली पड़ना शुरू हो जाती है. किसानों को इससे घबराने की जरूरत नहीं है और सटीक जानकारी हासिल करते हुए कई तरह के उपचार कर सकारात्मक परिणाम हासिल करें.
पीली पत्तियां होने की वजह
कृषि विभाग के अधिकारी ने बताया कि ज्यादा ठंड की वजह से जीवाण्वीय, माइक्रोबियल गतिविधि कम हो जाती है. जिसके चलते नाइट्रोजन का उठाव कम हो जाता है. नाइट्रोजन अत्यधिक गतिशील होने की वजह से निचली पत्तियों की ओर से उपरी पत्तियों में चला जाता है और नीचे की पत्तियां पीली पड़ना शुरू हो जाती है. इस बीमारी से ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि पौधे समय के साथ अपने आप ठीक हो जाते हैं.
इन उपचारों से करें बीमारी दूर
- ढाई किलो यूरिया, आधा किलो जिंक (21%) 150 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें.
- इसके साथ ही, अत्यधिक ठंड से बचाव के लिए हल्की सिंचाई कर सकते हैं.
- खेतों के किनारे मेड आदि पर धुआं करें. इससे फसल सुखे पाले से बची रहेगी.