नई दिल्ली | देशभर में किसान (Farmers) गेहूं और धान जैसी परम्परागत खेती का त्याग कर ऑर्गेनिक और बागवानी खेती की ओर से तेजी से आगे बढ़ रहें हैं. इस खेती की बदौलत बहुत सारे किसान कम लागत में अधिक मुनाफा कर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहे हैं. इसी कड़ी में किसान साथी गर्मी के मौसम में हरी मिर्च (Green Chilli) की खेती करें, तो कम समय में ज्यादा मुनाफा कमा कर मालामाल बन सकते हैं.
रबी सीजन में हरी मिर्च की खेती का उपयुक्त समय सितंबर से अक्टूबर महीने तक होता है, जबकि खरीफ की फसल के लिए मई और जून का महीना इसके लिए बेहद ही मुफीद माना जाता है. हरी मिर्च की खेती के लिए पांच ऐसी किस्म जो आपको कम लागत में अच्छा मुनाफा देंगी.
पूसा ज्वाला
इस किस्म की औसतन पैदावार करीब 34 क्विंटल प्रति एकड़ तक होती है. यह किस्म 130 से 150 दिन में पककर तैयार हो जाती है. इस मिर्च की खास बात यह है कि इसके पौधे बौने और झाड़ीनुमा होते हैं. यह मिर्च हल्के हरे रंग की होती है. कीट और मकोड़ा की प्रतिरोधी होने के चलते यह किस्म और भी खास हो जाती है.
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जवाहर मिर्च- 148
यह बहुत जल्द पकने वाली किस्म है. इसका स्वाद थोड़ा कम तीखा होता है. इस मिर्च की अगर खेती की जाती है तो एक हेक्टेयर से 85 से 100 क्विंटल तक हरी मिर्च और अगर इसको सुखाकर तोड़ा जाए, तो 18 से 25 तक क्विंटल सुखी मिर्च का उत्पादन होता है.
तेजस्विनी
इस किस्म की फलियां मध्यम आकार की रहती है और एक मिर्च की लंबाई करीब 10 सेंटीमीटर तक लंबी होती है. यह 75 दिन में तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है. यह किस्म किसानों को बंपर पैदावार देती है. हरी मिर्च को तोड़ने पर प्रति हेक्टेयर करीब 200 से 250 तक क्विंटल तक उत्पादन ले सकते हैं.
पंजाब लाल किस्म
इस किस्म के पौधे बौने और गहरी हरी पत्तियों वाले होते हैं. इसके फलों का आकार ज्यादा बड़ा नहीं होता. यह किस्म प्रति हेक्टेयर 100 से 120 क्विंटल तक उत्पादन देती है. पंजाब लाल किस्म में लाल रंग की मिर्च आती है.
काशी अर्ली किस्म
यह किस्म किसानों को बंपर उत्पादन देती है. प्रति हेक्टेयर की बात करें तो 300 से 350 क्विंटल तक का उत्पादन किसानों को मिलता है. इस मिर्च के पौधे 60 से 75 सेंटीमीटर लंबे और छोटी गांठ वाले होते हैं. यह किस्म बुवाई के 45 दिनों के भीतर तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है.
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