नई दिल्ली | मूंग दलहनी फसलों में प्रमुख है. यह शक्ति- वर्धक दाल है. इसमें पोषक तत्व और प्रोटीन की मात्रा भरपूर होती है. मूंग में 25% प्रोटीन, 60% कार्बोहाइड्रेट, 13% फैट (वसा) व अल्प मात्रा में विटामिन C पाया जाता है. ग्रीष्मकालीन मूंग की बिजाई का उत्तम समय पूरा मार्च का महीना है.
यह फसल 60 से 70 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. मूंग की खेती कर किसान अच्छा मुनाफा कमाने के साथ ही खरीफ की फसलों की बिजाई भी उपयुक्त समय पर कर सकते है. कृषि अधिकारी डॉ. संदीप बजाज ने बताया कि दलहनी फसलों को चमत्कारी फसलें भी कहते है क्योंकि ये जमीन में नाइट्रोजन स्थिरीकरण का काम करती है और आगामी फसल के लिए मृदा में नाइट्रोजन छोड़ती है.
समय पर करें सिंचाई
पहली सिंचाई बिजाई के 20 से 22 दिन बाद ही करें. फिर 10 से 15 दिन बाद सिंचाई करें. ध्यान रहे कि फूल व फलियां बनते समय पानी की कमी न होने दें. पानी की कमी होने से उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. मूंग की खेती के बारे में अधिक जानकारी के लिए यह लेख पढ़ सकते है.
उन्नत किस्में
- एमएच- 421
- एमएच- 1142
- एसएमएल- 668
- आईपीएम- 205- 7 (विराट)
- आईपीएम- 410- 3 (शिखा) उन्नत
रासायनिक खाद
मूंग की बिजाई के समय 13 से 17 किलोग्राम यूरिया, 8 किलोग्राम पोटाश, 100 किलोग्राम सिंगल सुपर फास्फेट आरंभिक मात्रा के रूप प्रति एकड़ खेत में डाले.
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