चंडीगढ़ । सिटी ब्यूटीफुल के नाम से मशहूर चंडीगढ़ से ट्रैफिक पुलिस का एक अजीबोगरीब कारनामा सामने आया है. ट्रैफिक पुलिस द्वारा आपने वाहनों के चालान काटने के किस्से तो जरूर सुने होंगे लेकिन इस बार चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस ने एक ऊंट का चालान काटा है. सुखना झील पर एक नही बल्कि दो ऊंटों पर यह कार्रवाई की गई है.
बता दें कि ये वही ऊंट है जिनपर सुखना झील पर आने वाले पर्यटक सवारी का मजा लेते हैं. लेकिन अब आपको सुखना झील पर ऊंट की सवारी का आनंद नहीं मिलेगा क्योंकि यहां ऊंट लाने वाले इनके मालिकों के न केवल चालान काटे गए हैं बल्कि ऊंटों को यहां ना लाने की सख्त हिदायत भी दी गई है.
मिली जानकारी अनुसार चंडीगढ़ प्रशासन के सोसायटी फॉर द प्रिवेंशन द क्रूएल्टी टू एनिमल (एसपीसीए) विंग के इंस्पेक्टर धर्मेंद्र डोगरा बुधवार को टीम के साथ सुखना लेक पहुंचे थे. यहां उन्होंने पाया कि ऊंट मालिकों द्वारा राजस्थान ऊंट उल्लंघन एक्ट 2015 धारा- 5 व उपधारा- 2 की अनदेखी और जानवरों के साथ क्रूरता नियम 1973 धारा- 6 का उल्लंघन किया है, क्योंकि शहर का वातावरण ऊंटों के अनुकूल नहीं है.
इंस्पेक्टर धर्मेंद्र डोगरा ने बताया कि इन ऊंट मालिकों के पास ऊंट की सवारी का कोई लाइसेंस नहीं था और न ही इन ऊंटों का पंजीकरण संबंधित विभाग के पास करवाया गया था. उन्होंने कहा कि इस वजह से इन ऊंटों का पीसीए अधिनियम 1960 के तहत चालान किया गया है और सख्त हिदायत दी गई है कि भविष्य में इन ऊंटों को सुखना झील पर ना लेकर आया जाए.
बता दें कि कई वर्षों से सुखना झील के एंट्री प्वाइंट पर यें ऊंट मालिकों द्वारा यहां लाकर खड़े किए जा रहे हैं और पर्यटकों को ऊंट सवारी करवाते हैं. यें ऊंट मालिक चंडीगढ़ के साथ लगते गांव मसोल के रहने वाले हैं. ऊंट मालिकों ने कहा कि वो इन ऊंटों के सहारे अपनी रोजी-रोटी कमा रहे थे लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन के इस रवैए की वजह से उन्हें काफी निराशा हुई है.
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