देवरिया । भारत देश ऋषि-मुनियों का देश है. भारत में ऐसे बहुत से संत हुए हैं जिन्हें दिव्य संत माना जाता है. आज हम आपको एक ऐसे ही दिव्य संत के बारे में बताएंगे जो सहज, सरल व शांत प्रवृत्ति के बहुत ही बुद्धिमानी संत थे. इन संत का नाम देवरहा बाबा था. इन संत को बहुत ज्ञान प्राप्त था. विश्व के दूर-दूर के देशों से बड़े-बड़े नामी लोग देवरहा बाबा से मिलने के लिए आते थे.
250 से 500 सालों तक रहे जीवित
देवरहा बाबा उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में रहते थे. इसी वजह से इनका नाम देवरहा पड़ा. काफी मान्यताएं यह भी कहती हैं कि उनमें बहुत सी दैवीय शक्तियां थी. इसलिए उनके भक्त उन्हें देवरहा बाबा कह कर पुकारते थे. देवरहा बाबा में योग, आयु, जान व आशीर्वाद प्रदान देने की क्षमता थी. इसीलिए लोग उन्हें सिद्ध संत भी कहते थे. उनके अनुयायियों का कहना है कि देवरहा बाबा 250 से 500 सालों तक जीवित रहे. उन्होंने 19 जून 1990 के दिन अपना देह त्याग किया. देवरहा बाबा की चमत्कारी शक्तियों से संबंधित अनेक प्रकार की बातें कही सुनी जाती हैं.
बाबा मे था अनेकों चमत्कारी शक्तियों का संगम
उनके अनुयायियों का कहना है कि देवरहा बाबा को प्लाविनी सिद्धि प्राप्त थी, इसलिए देवरहा बाबा पानी पर भी चल सकते थे. उन्होंने किसी भी गंतव्य तक पहुंचने हेतु सवारी नहीं की. देवरहा बाबा हर वर्ष माघ मेले के दौरान प्रयाग जाते थे. देवरहा बाबा वृंदावन में यमुना किनारे आधे घंटे तक पानी के अंदर बिना सांस लिए रह लेते थे. उन्होंने कभी भी अपने तप, उम्र व सिद्धियों के बारे में कोई दावा नहीं किया. लेकिन उनके चारों तरफ हर प्रकार के लोगों की एक ऐसी भीड़ रहती थी जो उनमें चमत्कारी शक्तियों के होने का एहसास दिलाती थी.
बाबा का आशीर्वाद प्राप्त कर प्रधानमंत्री बनी इंदिरा गांधी
देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी उन्हें पूजनीय मानती थी. जब देश में आपातकाल के बाद चुनाव हुए तो इंदिरा गांधी चुनाव में हार गई थी. बताया जाता है कि इंदिरा गांधी भी देवरहा बाबा से आशीर्वाद लेने गई थी. तब संत देवरहा बाबा ने उन्हें हाथ उठाकर पंजे से आशीर्वाद दिया. देवरहा बाबा से आशीर्वाद लेकर लौटने के पश्चात इंदिरा गांधी ने हाथ के पंजे को ही कांग्रेस का चुनाव चिन्ह घोषित किया.
इस चिन्ह पर ही सन 1980 में कांग्रेस ने इंदिरा गांधी के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत प्राप्त किया और इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री बनी. बाबा अपने ऊंचे मचान पर बैठे-बैठे ही सभी श्रद्धालुओं का कल्याण करते थे. लोगों का कहना था कि देवरहा बाबा भक्तों की बात उनके होठों तक पहुंचने से पहले ही मन की बात जान लिया करते थे.
इन महान हस्तियों ने बाबा के चरणों में शीश झुकाया
देवरहा बाबा हमेशा मृग छाल पहनते थे और निर्वस्त्र रहते थे. देवरहा बाबा के दर्शन करने हेतु 1911 में जॉर्ज पंचम भारत मे मईल आश्रम आये थे. देश की बड़ी बड़ी महान विभूतियां जैसे अटल बिहारी वाजपेई, इंदिरा गांधी, मनमोहन मालवीय, राजेंद्र प्रसाद, मुलायम सिंह यादव, जगन्नाथ मिश्र, बिंदेश्वरी दुबे, वीर बहादुर सिंह आदि नेताओं के साथ-साथ अनेक प्रशासनिक अधिकारी भी बाबा का आशीर्वाद लेने आते थे.
जीवन का अधिकतर समय अपने गांव में ही बिताया
सन 1911 में जब जॉर्ज पंचम भारत आए और देवरहा बाबा से मिलने देवरिया जिले के माइल गांव में आश्रम पहुंचे तो उन्होंने देवरहा बाबा से क्या-क्या बातें की, यह बात उनके शिष्यों ने कभी भी संसार को पता नहीं चलने दी. 4 खंभों पर टिका हुआ मचान ही देवरहा बाबा का महल था. इस मचान के नीचे ही उनके भक्त उनका दर्शन करते थे. बाबा हर वर्ष माइल गांव में 8 महीने बिताते थे.
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