पंचायत विभाग का कारनामा, रोड रोलर की जगह मोटरसाइकिल से बनवाई सड़क

गुरुग्राम | हाल ही में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है जहां, पर यह कहना गलत नहीं होगा कि यह पंचायत विभाग के द्वारा किया गया एक अनोखा कारनामा है. जी हां, ऐसा इसलिए क्योंकि, रोड रोलर की जगह पर मोटरसाइकिल की सहायता से सड़क का निर्माण किया गया है. ऐसे में ब्लॉक समिति अध्यक्ष, बीडीपीओ के साथ साथ कुल 4 लोगों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की जा चुकी है.

Road Making

गंभीरता से जांच की जगह पुलिस कर रही है मामले को दबाने का काम

दरअसल, सड़क व गलियों के निर्माण में पंचायत विभाग ने रोड रोलर का कार्य मोटरसाइकिल के सहायता से पूरा करवा दिया है. आरटीआई से इस बात का खुलासा होने पर अधिकारियों के द्वारा किए गए इस कारनामें की शिकायत पुलिस प्रशासन को कर दी गई है किन्तु, पुलिस की ओर से भी मामले को लगातार दबाने का प्रयास किया जा रहा है.

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कार्यवाही ना होने पर शिकायतकर्ता ने ली कोर्ट की शरण

ऐसे में जब शिकायत करने वाले व्यक्ति ने एसएचओ की रिपोर्ट के खिलाफ अदालत की शरण ली तो केस फाइल होते ही पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली. सूत्रों के अनुसार खबर है कि इसमें पंचायत समिति के अध्यक्ष, बीडीपीओ के साथ 4 और लोगों को भी आरोपी बनाया गया है.

गुडगांव के पटौदी थाने में दर्ज करवाई थी शिकायत

आरटीआई कार्यकर्ता रमेश यादव ने काफी महीने पहले गुडगांव के पटौदी थाने में शिकायत दर्ज करा कर स्पष्ट शब्दों में बताया था कि थोड़े समय पहले पटौदी ब्लाॅक के ग्रामीण क्षेत्रों में गलियों व सड़को का निर्माण किया गया था. किन्तु, इस कार्य को पूरा करने के लिए रोड रोलर का इस्तेमाल किया जाना था परंतु, अधिकारियों ने इसे रोड रोलर की जगह मोटर साइकिल की सहायता से निर्माण का पूरा कार्य करवा लिया है.

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कार्यवाही ना होने पर सीएम विंडो पर दर्ज़ करवानी पड़ी थीं शिकायत

कहा जाता है कि इस बात का खुलासा तब हुआ जब इन कार्यों से जुड़ी पुरी जानकारी आरटीआई (RTI) से मांगी गई थीं. बीडीपीओ कार्यालय ने रोड रोलर का जो नंबर उपलब्ध करवाया उस नंबर पर वर्तमान समय में एक मोटर साइकिल रजिस्टर्ड है. इस कार्य के बदले पंचायत विभाग ने कुल 18 हजार रुपये का भुगतान भी कर दिया था. ऐसे में अब उन्होंने आरोपियों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. परंतु, पुलिस ने बीते दो महीने तक एफआईआर दर्ज नहीं की तो तो फिर अंत में नवंबर माह 2020 में सीएम विंडों (CM Window) पर शिकायत दर्ज करवानी पड़ी थी.

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नियमों के मुताबिक जल्द ही हो सकतीं है आरोपियों की गिरफ्तारी

मामला संज्ञान में आते ही अदालत की कार्रवाई से बचने के लिए पुलिस अधिकारियों ने हस्तक्षेप कर तुरंत प्रभाव से एफआईआर दर्ज करने के आदेश एसएचओ को दिए और फ़िर बीती देर रात पुलिस ने इस मामले की गंभीरता से लेते हुए पटौदी ब्लाॅक समिति के अध्यक्ष राकेश कुमार, खंडा विकास एवं पंचायत अधिकारी अरुण कुमार, सुरेश कुमार व महेंद्र को नामजद करते हुए मामले की विस्तार पूर्वक जांच शुरू कर दी. ऐसे में पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही आरोपियों की नियमों के मुताबिक गिरफ्तारी की जा सकती.

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