चीन से आये कोरोना संक्रमण की वजह से जहां चीन की किरकिरी पूरी दुनिया में हो रही है. अगर चीन सही रणनीति से काम लेता व समय रहते विश्व स्तर पर स्वास्थ्य संस्थाओं की सहायता लेता तो सम्भवतः पूरी दुनिया को इसके भीषण दुष्परिणामों से बचाया जा सकता था. अभी भी, यह सिलसिला रुका नहीं है बल्कि आये दिन चीन से कोई न कोई नई बीमारी की दस्तक की खबर आती ही रहती है. कभी चूहे को लेकर, कभी सुअर तो कभी सब्जियों से फैलने वाले वायरस की खबर हर रोज आम बात सी हो गयी है जिससे पूरे विश्व में भय व्याप्त होता है.
अभी हाल ही में चीन में एक नए वायरस ने दस्तक दी है जिसका नाम टिकबोर्न वायरस है. जो 11 वर्ष पहले भी चीन में अपना प्रकोप दिखा चुका है. अब इसने फिर से लोगों में संक्रमण फैलाना शुरू कर दिया है. डॉक्टरों की जानकारी के अनुसार यह टिक्स इन्सेक्ट के काटने से मानव शरीर में प्रवेश कर रहा है. वहीं, दूसरी तरह से यह संक्रमित व्यक्ति के म्यूकस और रक्त संचरण द्वारा भी फैल रहा है. यदि समय रहते इसकी पहचान की जाए तो इस पर नियंत्रण करना सम्भव है.
क्या हैं लक्षण?
इस वायरस की चपेट में आये लोगों में कोरोना की भांति ही खांसी, बुखार, कमजोरी, थकान जैसे सामान्य लक्षण दिखाई देते हैं. साथ ही, इसमें शरीर में प्लेटलेट्स की मात्रा भी काफी कम हो जाती है व खून में ल्यूकोसाइट्स की मात्रा भी कम हो जाती है. साथ ही, तेज़ बुखार के साथ इससे शरीर में थ्रोम्बोसैंटोपेनिया सिंड्रोम होने का भी खतरा बना रहता है. वर्तमान में इसकी चपेट में आने से चीन में अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 70 के करीब लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं. अतः अब चीन को इस पर नियंत्रण करने हेतु कड़े कदम उठाने चाहिए जिससे यह कोरोना जैसा भयावह रूप धारण कर पूरे विश्व को अपना प्रकोप न दिखाये.
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