अंबाला कैंट । हरियाणा में अंबाला छावनी सिविल अस्पताल से रेफर किए गए कोरोना संक्रमित मरीज की प्राइवेट एंबुलेंस में मौत हो गई. परिजनों ने इसके लिए एंबुलेंस चालक की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है. परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब वह छावनी सामान्य अस्पताल से चलें थे तो मरीज आक्सीजन के साथ एंबुलेंस में बैठा था. सफर के दौरान आक्सीजन सिलेंडर खत्म हुआ तो आवाज लगाकर चालक को पीछे बुलाया. एंबुलेंस चालक दोबारा आक्सीजन सिलेंडर को चालू कर चंडीगढ़ की तरफ चल पड़ा, लेकिन इस बार दोबारा से सिलेंडर बंद हो गया. इस सब घटनाक्रम के बीच थोड़ी देर में मरीज ने दम तोड दिया.
बेटे की मौत से गुस्साए परिजनों ने छावनी सामान्य अस्पताल अंबाला पहुंचकर हंगामा किया. हंगामे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची. परिजनों ने इसे स्पष्ट तौर पर एंबुलेंस चालक की लापरवाही का नतीजा बताया. परिजनों का कहना था कि जब एंबुलेंस में पर्याप्त आक्सीजन की व्यवस्था नहीं थी, तो चालक ने चंडीगढ़ जाने की हामी क्यों भरी. परिजनों ने एंबुलेंस चालक पर गुमराह करने का आरोप लगाया व साथ ही चार हजार रुपए लेने की बात भी कही. पुलिस ने शव परिजनों को सौंप कर आगे जांच शुरू कर दी है.
3 मई को हस्पताल में करवाया था भर्ती
मृतक के परिजनों ने बताया कि उन्होंने अपने भाई को कोरोना के लक्षण नजर आने पर तीन मई को हस्पताल में दाखिल कराया था. लेकिन गले में एलर्जी होने के चलते डाक्टरों ने उन्हें चंडीगढ़ रेफर कर दिया था. डाक्टरों का कहना था कि चंडीगढ़ में अगर इलाज के दौरान वेंटिलेटर की सुविधा चाहिए होगी तो वो भी मिल जाएगी. जाने से पहले एंबुलेंस चालक से आक्सीजन के बारे में कन्फर्म किया गया था. रास्ते में जाकर पता चला कि एंबुलेंस में चंडीगढ़ तक जाने के लिए पर्याप्त आक्सीजन नहीं है.
” मरीज को चंडीगढ़ रेफर किया गया था. लेकिन जब परिजन बीच रास्ते से वापस आएं तो उन्होंने जाकर मरीज का चेकअप किया तो मरीज की मौत हो चुकी थी. शव को मोर्चरी में कोविड प्रोटोकॉल के तहत रखवाकर बाद में परिजनों को सौंप दिया.- डॉ धर्मवीर, छावनी सामान्य अस्पताल
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