अंबाला | हरियाणा- पंजाब सीमा पर शंभू बॉर्डर (Shambhu Boarder) को 13 फरवरी 2024 से बंद रखा गया है. दोनों तरफ बॉर्डर पर तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए कर्फ्यू जैसे हालात नज़र आ रहे हैं. यहाँ रोजाना 3- 3 किलोमीटर का लंबा जाम देखने को मिल रहा है. मजबूरी वश लोगों को कच्चे रास्तों को भी अपनाना पड़ रहा है. लगभग 10 महीने गुजर जाने के बाद भी हालात कुछ ज्यादा नहीं सुधरे हैं. दो पहिया से लेकर चार पहिया वाहन चालक भी जाम में फंसे नजर आ रहे हैं.
कारोबारों पर पड रहा असर
इन सब के बीच कारोबारी वर्ग बुरी तरह से पिस रहा है. सबसे ज्यादा प्रभाव कारोबारों पर पड़ा है. हरियाणा सीमा पर हरियाणा पुलिस और फोर्स जुटी हुई है. पंजाब सीमा पर किसान बैठे हुए हैं. हर कोई इस बॉर्डर के खुलने का इंतजार कर रहा है, लेकिन इस समस्या का समाधान कब होगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं है.
हो चुका अरबों का नुकसान
किसान यहाँ से दिल्ली कूच का ऐलान कर चुके हैं, लेकिन हरियाणा सरकार बिना अनुमति इसकी इजाजत नहीं दे रही है. सुप्रीम कोर्ट तक भी ये बात पहुंची, लेकिन समाधान नहीं हो पाया. इस बॉर्डर के बंद होने से जहाँ अरबो रुपए का नुकसान हो चुका है. वहीं, दूसरी तरफ लोगों को अपनी जान जोखिम में डालकर कच्चे रास्तों से आवाजाही करनी पड़ रही है.
वाहन चालकों को हो रही परशानी
अंबाला शहर का कपड़ा उद्योग इस बॉर्डर के बंद होने से बुरी तरह चरमरा चुका है. बाकी कारोबारों पर भी इसका सीधा असर देखने को मिल रहा है. यहाँ से गुजरने वाले वाहन चालकों को लंबे रूट से जाना पड़ रहा है. इस कारण डीजल और पेट्रोल का इस्तेमाल भी बढ़ चुका है. टोल प्लाजा बंद होने के चलते भी करोड़ों का नुकसान हो चुका है. बॉर्डर पर तैनात फोर्स के चलते भी खर्चा बढ़ा हुआ है. हाईवे पर ढाबे, पेट्रोल पंप, शराब ठेकों के व्यापार पर भी काफी फर्क पड़ा है.
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