अंबाला | लोकसभा चुनावों की गहमा- गहमी के बीच सभी राजनीतिक दल किसानों को लुभाने के लिए तमाम तरह के दावे कर रहे हैं, लेकिन हरियाणा में परिस्थितियां बिल्कुल इसके विपरित नजर आ रही है. इन दिनों धान की बुवाई का समय नजदीक है, परंतु बाजार में धान का बीज नहीं मिल रहा है. यदि मिल भी रहा है तो किसानों से दोगुनी कीमत वसूली जा रही है. ऐसी स्थिति में किसानों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है.
बीज की कालाबाजारी
किसानों ने बताया कि धान की पनीरी तैयार करने की घड़ी सिर पर आ चुकी है लेकिन बाजार में बीज नहीं मिल रहा है. एक किसान ने बताया कि 7501 किस्म धान का बीज खरीदने के लिए वो पिछले दो हफ्ते से चक्कर काट रहा है. सरकारी दुकानों पर बीज उपलब्ध नहीं है लेकिन प्राइवेट दुकानों पर मिल रहा है. किसानों की मानें तो धान के बीज की जमकर कालाबाजारी हो रही है.
वसूली जा रही दोगुनी कीमत
किसानों ने बताया कि प्राइवेट दुकानों वाले बीज की दोगुनी कीमत वसूल रहे हैं. किसानों ने आरोप लगाया कि बीज की एक थैली का निर्धारित मूल्य 1715 रूपए हैं लेकिन ब्लैक में किसानों को 3500 रुपए में बेचा जा रहा है. थोक विक्रेता चोरी- छिपे दुकानदारों को बीज की सप्लाई करते हैं और फिर ये दुकानदार किसानों से मनमर्जी के दाम वसूल रहे हैं.
सुहाना बीज की ज्यादा डिमांड
वहीं, इस मामले को लेकर कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पीछे से बीज की सप्लाई कम आ रही है, जिसके चलते परेशानी हो रही है. पिछले सीजन सुहाना के 7301 और 7501 किस्म की बंपर पैदावार हुई थी तो किसान उसी बीज की मांग कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि किसानों की एक लिस्ट तैयार की गई है और मंगलवार यानि कल इन्हें बीज उपलब्ध करा दिया जाएगा.
बीज की कालाबाजारी को लेकर उन्होंने कहा कि विभाग की पैनी नजर दुकानदारों पर बनी हुई है. यदि कोई भी दुकानदार निर्धारित रेट से ज्यादा में बीज बेचता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. किसानों की समस्या का जल्द- से- जल्द हल कर दिया जाएगा और निर्धारित रेट पर ही उन्हें बीज उपलब्ध कराया जाएगा.
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