अंबाला | हरियाणा के जिला अंबाला में ड्राइवर की हत्या के बाद बुधवार रात 12 बजे से हड़ताल पर गए रोडवेज कर्मचारियों को आखिरकार सरकार ने मना ही लिया. रोडवेज कर्मचारियों की 20 घंटे की हड़ताल अवधि को ड्यूटी अवधि में शामिल माना जाएगा. मृतक के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव ले जाया जाएगा, जहां कल सुबह उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
इन बातों पर बनी रजामंदी
बता दें कि शाम को परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा के साथ रोडवेज कर्मचारी नेताओं की करीब ढाई घंटे तक चली तीन दौर की बैठक के बाद मृतक के छोटे बेटे को तृतीय श्रेणी की सरकारी नौकरी और 15 लाख रुपये देने पर सहमति बनी. रात 8 बजे बसों का संचालन शुरू हो गया.
इनमें मुख्य रूप से विनोद शर्मा, सुखविंदर सिंह, जयभगवान कादियान, दिनेश, रमेश श्योकंद, अमित महराणा, आजाद गिल और जगदीश लाठर शामिल थे. दिन में यात्री रहे असहज, रात में मिली राहत रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल के कारण पूरे प्रदेश में यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.
इस वजह से अधिकारी नहीं दे रहे थे नौकरी
एक्सग्रेसिया नीति के अनुसार, कर्मचारी की मृत्यु पर 52 वर्ष की आयु तक एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने का प्रावधान है जबकि मृतक राजवीर की आयु 54 वर्ष आठ माह थी. इस कारण शुरू में अधिकारियों ने मृतक के पुत्र को अनुग्रह नीति के तहत नौकरी देने से हाथ खड़े कर दिये लेकिन जब कर्मचारी नेताओं ने तीखे तेवर दिखाए तो नीति में ढील देने और मृतक के बेटे को तृतीय श्रेणी की नौकरी देने पर सहमति बनी. हालांकि, पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद की मांग कर रहे रोडवेज कर्मचारी नेता आखिरकार 15 लाख रुपये पर ही राजी हो गए.
मृतक को किया जाएगा सम्मानित
मीटिंग में सहमति बनी है कि 26 जनवरी को दिवंगतों को मरणोपरांत सम्मानित किया जाएगा. परिवहन मंत्री पंडित मूलचंद शर्मा और परिवहन विभाग के प्रधान सचिव नवदीप सिंह विर्क के साथ रोडवेज कर्मचारियों की कई बार हुई बैठक में माहौल गर्म रहा. कर्मचारियों की नाराजगी इस बात को लेकर थी कि अंबाला में रोडवेज कर्मचारी की हत्या के बाद न तो उपायुक्त और न ही पुलिस अधीक्षक ने गंभीरता दिखाई. इसके अलावा, बैठक में मृतक के आश्रित को सरकारी नौकरी का मुद्दा भी फंसा रहा.
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