किसान आंदोलन को हरियाणा सरपंच एसोसिएशन ने दिया समर्थन, कहा- गाँवों में BJP-JJP की एंट्री करेंगे बंद

अंबाला | हरियाणा सरपंच एसोसिएशन ने किसानों के आंदोलन का समर्थन किया है. एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रणबीर सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा किसानों पर अत्याचार किया जा रहा है. एसोसिएशन किसानों के साथ है और बैठक में फैसला लिया गया है कि किसी भी पंचायत में न तो बीजेपी नेताओं को और न ही JJP नेताओं को घुसने दिया जाएगा. उनका बहिष्कार किया जाएगा.

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70 प्रतिशत आबादी किसान और मजदूरों की

उन्होंने किसान संगठनों से भी आह्वान किया है कि वे किसानों का समर्थन करें क्योंकि 70 प्रतिशत आबादी किसान और मजदूरों की है, लेकिन सरकार उन पर अत्याचार कर रही है और वे उनके साथ खड़े हैं. आगे कहना है कि इसके अलावा हमें माननीय उच्च न्यायालय पर पूरा भरोसा है कि फैसला किसानों के पक्ष में होगा. कोर्ट से यह भी अनुरोध है कि किसानों को विरोध प्रदर्शन का अधिकार दिया जाए, ताकि वे सरकार से अपनी मांगें मनवा सकें.

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पुलिस ने किसानों को 2 दिन से रोका

हरियाणा का शंभू बॉर्डर किसानों और पुलिस बल के लिए किसी रणक्षेत्र से कम नहीं है. 2 दिन से पुलिस ने अपने इंतजामों से किसानों को शंभू बॉर्डर पर ही रोक रखा है. किसान बैरिकेड तोड़ने की कोशिश करते हैं, लेकिन साथ ही आंसू गैस किसानों के मंसूबों पर पानी फेर देती है. लगभग 9 फीट ऊंचे कंक्रीट ब्लॉक खड़े किए गए हैं. अगर किसान शंभू बॉर्डर की बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ते हैं तो भी उन्हें शाहबाद के पास फिर से पुलिस के आंसू गैस के गोले, वॉटर कैनन या रबर की गोलियों का सामना करना पड़ सकता है.

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हरियाणा के किसान आंदोलन से दूर

हरियाणा के किसान इस आंदोलन में उतरते हैं तो हालात बिगड़ सकते हैं, क्योंकि पुलिस को हरियाणा के किसानों पर सख्ती करने से बचना चाहिए. अगर किसानों ने दिल्ली कूच किया तो एक बार फिर 2020 वाला नजारा देखने को मिल सकता है. जिस तरह से लाल किले पर तिरंगे को उतारकर कोई और झंडा लगा दिया गया.

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अपने वादे से रही मुकर सरकार

प्रदेश महासचिव ईशम सिंह ने कहा कि दिल्ली से किसानों को उठाते समय सरकार ने वादा किया था कि किसानों को एमएसपी दिया जाएगा, लेकिन सरकार अपने वादे से मुकर गई और बार- बार बातचीत के बाद भी सरकार नहीं मानी, इसलिए किसानों से फिर उनकी मांगें पूरी करने को कहा गया. इसके लिए दिल्ली कूच का रास्ता अपनाना पड़ा और अब किसानों पर अत्याचार किया जा रहा है.

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