अंबाला, महेंद्रगढ़ | हरियाणा में दो ऐसे गांव हैं जिनमें पानी की बिल्कुल भी बर्बादी नहीं होती, बल्कि यह गांव पानी को स्टोर कर इस्तेमाल में लाते है. पहला गांव महेंद्रगढ़ का कोथल खुर्द है दूसरा गांव अंबाला का तपेला गांव है. इस गांव की आबादी करीब ढाई से तीन हजार है. इस गांव की खास बात है कि लोग इस गांव में उतना ही पानी इस्तेमाल करते हैं जितनी उन्हें आवश्यकता होती है.
हरियाणा के यह 2 गांव बाकि गांवों के लिए है आदर्श
दिल्ली में डॉक्यूमेंट्री के लिए इन दोनों गांवों को चुना गया है, ताकि लोगों को जागरूक किया जा सके. इन दोनों गांवों की तरह बाकी गांव में भी पानी की बर्बादी को रोका जा सके. दिल्ली की दीपा कम्युनिकेशन ने रविवार को तपेला गांव में आकर डॉक्यूमेंट्री बनाई. इन गांव में जल संरक्षण के लिए कुए भी बनाए गए हैं. जहां पर खराब पानी को एकत्रित कर फिल्टर किया जाता है उसके बाद उसे इस्तेमाल में लाया जाता है.
अंबाला के तपेला गांव में करीब 600 से अधिक परिवार रहते हैं. हर घर में पानी के लिए टोटिया लगी हुई है, गांव में कोई भी घर ऐसा नहीं है जिसमें पानी की कमी हो क्योंकि यह लोग पानी को खुला नहीं छोड़ते हैं. जितनी आवश्यकता होती है उतना ही पानी का इस्तेमाल करते हैं. गांव में जल संरक्षण के लिए अलग-अलग स्थानों पर कुएँ बने हुए हैं.कुए के पास बड़ा तालाब है.
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