70 सालों से पहलवान जी की खस्ता कचौड़ी का स्वाद चख रहे लोग, रोजाना बिकती हैं 500 से भी ज्यादा प्लेटें

अंबाला | हरियाणा के अंबाला छावनी में खस्ता कचौड़ी की दुकान इतनी ज्यादा प्रसिद्ध है कि यहां रोजाना हजार पीस कचौड़ी बिक जाती है. यहां 30 रुपए में दो कचौड़ियां मिलती हैं. दुकान का नाम ही ऐसा है जो आपको सोचने को मजबूर कर देगा. दुकान के नाम के अनुरूप ही इनकी खस्ता कोचौड़ी का स्वाद होता है. जी हां, हम बात कर रहे हैं पहलवान जी की खस्ता कचौड़ी वाली दुकान की. पिछले 5 दशकों से इनकी खस्ता कचौड़ी का स्वाद लोगों के मुंह चढ़कर बोल रहा है.

Kachori

1968 में की गई थी स्थापना

साल 1968 में इस दुकान की स्थापना की गई थी. इस दुकान को बनाए 50 साल से भी ज्यादा का समय बीत चुका है. अब इस तीसरी पीढ़ी इसे चला रही है. अंबाला में यह दुकान काफी मशहूर है. यहां तक की दूर- दूर से भी लोग यहां बनने वाली खस्ता कचौड़ी का स्वाद चखने के लिए आते हैं. खस्ता कचौड़ी के अलावा उनकी आलू की सब्जी और चटनी भी बहुत ज्यादा पसंद की जाती है. आलम यह है कि सुबह होते ही यहां लोगों की लंबी लाइने लगनी शुरू हो जाती हैं.

टिक्की और समोसों का भी स्वाद है निराला

अंबाला में आने वाले व्यक्ति जरूर ही पहलवान जी की खस्ता कचौड़ी खाकर जाते हैं. यहां टिक्की और समोसे भी मिलते हैं जो काफी स्वादिष्ट होते हैं. लोगों का मानना है कि जब भी वह अंबाला आते हैं, तो पहलवान जी की खस्ता कचौड़ी जरूर खाकर जाते हैं. दुकान मालिक की तीसरी पीढ़ी दीपक नामदेव बताते हैं कि यह दुकान उनके दादा ने 1968 में शुरू की थी. उस समय इस दुकान को पहलवान जी के नाम से शुरू किया गया था. वह पहलवानी किया करते थे, जिस कारण लोग उन्हें प्यार से पहलवान जी भी बुलाते थे.

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