नई दिल्ली | लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन से तकरार के चलते राफेल विमानों (Rafael) का दूसरा बैच भी अम्बाला एयरफोर्स स्टेशन में लाने की तैयारी तेज़ी से चल रही हैं. यहां 3 या 4 विमानों का बैच नवंबर माह के पहले सप्ताह तक किसी भी वक़्त पहुंच सकता है. रक्षा सूत्रों के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार अम्बाला से चीन को बेहतर तरीके से काउंटर किया जा सकता है. यहां से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल तक राफेल को सिर्फ 15 से 20 मिनट के भीतर ही पहुंचाया जा सकता है.
अम्बाला एयरबेस में राफेल विमानों का संपूर्ण ढांचा तैयार हो चुका है. राफेल विमानों की सबसे पहले तैयार की गई 17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन के कुछ पायलट इस दौरान भी फ्रांस में हैं, जिनकी ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है. ये सभी पायलट ही राफेल विमानों के दूसरे बैच को अम्बाला के एयरफोर्स स्टेशन पर अच्छी तरह से लैंडिंग कराएंगे. अम्बाला में 29 जुलाई को 5 विमान का पहला बैच आ चुका है. देश के लिए यह एक बहुत ही अधिक महत्वपूर्ण कार्य है. साथ ही साथ यह दिन हमारे देश को गौरवन्वित महसूस करवाने में अहम भूमिका रखता है.
दिन-रात चल रहा हो रहा है भरसक प्रयास
चीन से वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चल रहे तनाव के बीच अम्बाला एयरफोर्स स्टेशन से राफेल विमान लगातार उड़ान भर रहे हैं. राफेल विमानों के साथ एयरफोर्स के जवानों द्वारा नाइट फ्लाइंग भी की जा रही है.
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