हरियाणा राज्य की पंचायती राज्य व्यवस्था में बड़ा बदलाव होने वाला है. हरियाणा देश का पहला एक ऐसा राज्य बनने बनने वाला है. जहां पर काम न करने वाले सरपंच को घर बैठाया जा सकेगा. दूसरी सबसे बड़ी बात हर दूसरे गांव की सरपंच महिला होगी. बुधवार को शुरू हो रहे हरियाणा विधानसभा के सत्र में दो अहम बिल पास किए जाएंगे.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि जल्द ही हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चौधरी देवी लाल का सपना पूरा होने जा रहा है. आपको बता दें चौधरी देवीलाल ने ‘राइट टू रिकॉल’ अधिकार का प्रयोग करना चाहते थे.
राइट टू रिकॉल में यदि कोई सरपंच से अपने पद का दुरुपयोग करता है या काम नहीं करता है तो ऐसे में लोग उसे चाहे तो अब पद से हटा पाएंगे. यदि ‘राइट टू रिकॉल’ कानून बनाया जाएगा तो ग्रामीण मतदाताओं के पास सरपंच को हटाने का अधिकार होगा. इसके साथ ही हरियाणा में पंचायती राज में पता प्रतिशत महिलाओं को आरक्षित करने का बिल भी पास पारित किया जाएगा.
इसके पास होने के बाद हरियाणा के हर दूसरे गांव में महिला सरपंच काम करेंगी. दुष्यंत चौटाला ने बताया कि इसी तरह पंचायती राज संस्थाओं में बीसीए के लिए 8% आरक्षण करने के संबंधित बिल लाया जाएगा. इस सत्र में प्रदेश के युवाओं को निजी क्षेत्र में 75% नौकरियां देने का बिल भी लेकर आएंगे.
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