अंबाला | शामली- अंबाला ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण का रास्ता लगभग साफ हो चुका है. ऐसा इसलिए क्योंकि जिन किसानों की जमीन अधिग्रहीत की गई है, उन्हें मुआवजा देने और बदले में जमीन देने को सरकार ने हरी झंडी दे दी है. इस आदेश के बाद डीएम के प्रयास से जिले के 664 किसानों के चेहरे पर मुस्कान लौट आयी है.
आपको बता दें कि सहारनपुर जिले की नकुड़ तहसील के अंतर्गत गांव फतेहचंदपुर, बालू, कलसी, रामराय खेड़ी, भोगनी माजरा, तरबराकपुर, मोहम्मद गुर्जर की बंजर ढाक, जंगल ढाक श्रेणी की भूमि पहले 664 लोगों को आवंटित की गई थी. यह जमीन शामली- अंबाला ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए ली गई थी.
इस वजह से हो रही थी परेशानी
दरअसल, जब मुआवजा देने का समय आया तो तहसील से आई रिपोर्ट में इन किसानों की जमीन बंजर ढाक और जंगल ढाक दर्शा दी गई, जिसके चलते भूमि अध्याप्ति अधिकारी ने सभी का मुआवजा रोक दिया था. इसके बाद, पहले की तरह यहां के किसानों ने नये जिलाधिकारी बनकर आये डॉ. दिनेश चंद्र से मुलाकात की और बताया कि यह जमीन पहले उन्हें पट्टे के रूप में आवंटित की गयी थी, जिस पर वे फसल उगा रहे थे. कई लोगों का नाम संक्रमणीय भूमिधर के रूप में दर्ज हो चुका है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र ने सितंबर माह में राजस्व परिषद को पत्र लिखकर निर्णय की अपेक्षा की थी.
डीएम ने कही ये बात
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!सरकार द्वारा लिये गये निर्णय से सैकड़ों किसानों की समस्या का समाधान हो गया है. अब किसानों को जमीन के बदले जमीन और मुआवजा देने का रास्ता साफ हो गया है -डॉ. दिनेश चंद्र, डीएम सहारनपुर