अंबाला । हरियाणा में गिरते भूजल स्तर को सुधारने की दिशा में प्रदेश सरकार ने धान की सीधी बिजाई को बढ़ावा देने का फैसला लिया है. कृषि विशेषज्ञों ने बताया कि धान की सीधी बिजाई करने से 25 फीसदी तक पानी की बचत की जा सकती हैं. इसके अलावा इस तरीके से बिजाई की गई फसल 10 दिन पहले भी पककर तैयार हो जाती है. इसके साथ ही फसल पर लगने वाली लागत राशि पर भी कम खर्च आएगा.
कृषि विशेषज्ञों ने बताया कि यह बिजाई मशीन से होगी, जिसके चलते किसान लेबर खर्च से भी बच जाएगा. उन्होंने बताया कि किसान अपने संसाधनों से सिंचाई करता है तो खर्च भी अधिक होता है और भूजल दोहन भी होता है. इसी लिए प्रदेश सरकार ने धान की सीधी बिजाई को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहन राशि देने का फैसला लिया है.
विभाग ने सीधी बिजाई पर किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए 5 हजार रुपए प्रति एकड़ देने की घोषणा की है. इसके लिए किसानों को मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा. कृषि विशेषज्ञों ने बताया कि मानसून के दौरान ही रोपे गए धान से किसानों को ज्यादा फायदा मिलता है जबकि इससे पूर्व रोपे गए धान में पानी की खपत ज्यादा होती है.
2 हजार एकड़ का रखा लक्ष्य
कृषि विभाग ने जिलें में धान की सीधी बिजाई के लिए 2 हजार एकड़ का लक्ष्य निर्धारित किया है. विभाग की ओर से किसानों को सीधी बिजाई के फायदे बताए जा रहे हैं. कृषि विभाग के तकनीकी सहायक डा.श्याम लाल ने बताया कि सीधी बिजाई करने पर 30-35 फीसद पानी की बचत होती है. इसके साथ ही लेबर का खर्च भी कम हो जाता है क्योंकि इसमें रोपाई करने की झंझट खत्म हो जाती है. इस पर खाद और दवाइयों की लागत भी कम हो जाती है. सीधी बिजाई करने पर खेत की जुताई भी काफी कम करनी पड़ती है.
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