अंबाला | सर्दियों के मौसम की शुरुआत के साथ ही धुंध और कोहरे ने भी अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. कोहरे और धुंध के चलते ट्रेनों का संचालन प्रभावित होना कोई नई बात नहीं है. कुछ ट्रेनें तो 2- 2 घंटे, जबकि कई ट्रेनें 20 से 22 घंटे तक लेट चलती है. कोहरे की वजह से ट्रेनों (Indian Railways) की स्पीड पर ब्रेक लग जाता हैं.
कोहरे की वजह से दृश्यता काफी कम हो जाती है, जिसके चलते ट्रेनों की स्पीड कम होने से सफर में लगने वाला समय बढ़ जाता है. हालांकि, कोहरे से निपटने के लिए भारतीय रेलवे ने कमर कस ली है. साथ ही, स्टेशनों पर अधिकारियों की तैनाती भी की जाएगी.
फॉग सेफ डिवाइस का इस्तेमाल
अंबाला रेलवे मंडल के एक अधिकारी ने बताया कि ऐसी स्थिति में फॉग सेफ डिवाइस का इस्तेमाल किया जाता है, जो लोको पायलट की मदद के लिए डिजाइन किया गया है. यह उपकरण सिग्नल की सटीक जानकारी देता है. साथ ही अलग- अलग स्थानों पर लगे सिग्नल को विशेष रूप से चेतावनी के साथ बताता है, जिससे ट्रेनों का संचालन सुरक्षित और निर्बाध रूप से जारी रहता है.
क्या है फॉग सेफ डिवाइस?
फॉग सेफ डिवाइस GPS से लैस उपकरण है, जो लोको पायलट को उनके मार्ग पर सिग्नलों और अन्य प्रमुख स्थानों की जानकारी देता है. यह उपकरण सिग्नल की दूरी और ट्रेन की गति को स्क्रीन पर प्रदर्शित करता है. इसके अलावा, ट्रेन के किसी सिग्नल के करीब होने पर यह लोको पायलट को अलर्ट भी करता है.
ट्रेनों की स्पीड पर पड़ता है असर
धुंध और कोहरे के समय फॉग सेफ डिवाइस के साथ लोको पायलट को 75 किलोमीटर प्रति घंटा अथवा जरूरत के हिसाब से ट्रेन की स्पीड रखने के निर्देश दिए जाते हैं. इसके साथ ही सिग्नल की सूचना दर्शाने वाले बोर्ड पर चमकीली पट्टी लगाई जा रही है.
स्टेशन मास्टर को विजिबिलिटी टेस्ट ऑब्जेक्ट (वीटीओ) के उपयोग के निर्देश दिए गए है. इससे लोको पायलट को स्टेशन पास होने की सूचना मिलती है. इसके अलावा, ट्रैकमैन द्वारा लोको पायलट को रास्ते में सिग्नल होने की चेतावनी देने के लिए पटाखे का उपयोग करने के निर्देश देते हुए पर्याप्त मात्रा में पटाखे उपलब्ध कराए गए हैं.
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