लोहारु । हरियाणा के भिवानी जिले से एक अजीबो-गरीब वाक्या सामने आया है. यहां लोहारू कस्बे के वार्ड नंबर 11 की अनुसूचित जाति वर्ग की बस्ती वीरवार को उस वक्त सुर्खियों में आ गई जब 10 साल का दुल्हा शादी करके अपने साथ 8 साल की कथित दुल्हन लेकर मोहल्ले में पहुंचा. बच्चों की यह शादी इसी मोहल्ले में बने एक मंदिर में होनी बताई जा रही है. प्राप्त जानकारी अनुसार वीरवार दोपहर शादी का कार्यक्रम बड़े धूम-धाम से चल रहा था.
मोहल्ले में बने एक मंदिर में भगवान को साक्षी बनाकर इस नाबालिग और नासमझ जोड़े को सात जन्मों के उस अटूट बंधन में बांधा जा रहा था जिसके बारे में इन्हें कोई जानकारी नहीं थी. इसी दौरान दुल्हे की ताई ने पुलिस को सूचना देकर इस अनोखी शादी का भंडाफोड़ कर दिया. सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शादी के बाद की सभी रस्मों को रुकवा दिया.
बहल क्षेत्र के गांव से लाएं थे 8 साल की दुल्हन
दुल्हे की ताई शकुंतला ने बताया कि उसका देवर अपने बेटे के विवाह के लिए आठ साल की दुल्हन बहल क्षेत्र के किसी गांव से लेकर आया था. वह इस नाबालिग शादी के खिलाफ है. इधर इस बारे में थाना प्रभारी पवन कुमार ने बताया कि उन्होंने उक्त सभी लोगों को पुछताछ के लिए थाना बुलाया है.
परिवार बोला- गृह प्रवेश कार्यक्रम था, शादी नहीं
वहीं शुरुआती पुछताछ में सामने आया है कि नाबालिग लड़की लड़के पक्ष की रिश्तेदारी से ही है. इस लड़की की सगी बड़ी बहन का रिश्ता उक्त लड़के के सगे बड़े भाई से हुआ है. पहले से ही रिश्ते में होने के चलते यह लड़की उक्त परिवार में आई हुई थी. घर में गृह प्रवेश कार्यक्रम रखा गया था और लक्ष्मी रुप में इस कन्या से गृह प्रवेश की रस्म अदायगी की गई है. लड़की बिल्कुल गरीब परिवार से हैं. लड़की के परिजनों को भी राजस्थान से बुलाया गया है. शादी की खबरें आधारहीन है.
दोनों के शारीरिक विकास के लिए ख़तरनाक
नशा मुक्ति परिषद लोहारू के संस्थापक राकेश आर्य ने बताया कि छोटी उम्र में शादी न केवल समाज के लिए बल्कि दुल्हे- दुल्हन के शारीरिक विकास के लिए भी खतरनाक है. इसी लिए तो सरकार ने नाबालिग उम्र में विवाह को मान्यता नहीं दी है.
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