भिवानी | हरियाणा की भिवानी- महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट पर मुकाबला रोमांचक होता जा रहा है. कांग्रेस की ओर से राव दान सिंह चुनावी रण में उतरे हैं तो बीजेपी ने लगातार 2 बार से सांसद चौधरी धर्मवीर सिंह पर फिर से भरोसा जताया है. वहीं, JJP ने राव बहादुर सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है.
भीतरघात का अंदेशा
भिवानी- महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट पर भले ही कांग्रेस और भाजपा अपने- अपने उम्मीदवार की जीत का दावा कर रही है, लेकिन दोनों ही पार्टियों को भीतरघात का पूरा अंदेशा है. कांग्रेस ने श्रुति चौधरी की टिकट काटकर राव दान सिंह को उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि किरण चौधरी खेमा चुनाव में राव दान सिंह के लिए कितनी मेहनत करते हैं.
किसानों का विरोध
बीजेपी उम्मीदवार चौधरी धर्मवीर सिंह ने भी दक्षिण हरियाणा के नेताओं के वर्चस्व की लड़ाई में खुद के नुकसान का अंदेशा जताया है. पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा सीएम नायब सैनी के सामने भरे मंच से नाराजगी जाहिर कर चुके हैं. वहीं, किसानों की नाराजगी भी बीजेपी प्रत्याशी को जमकर झेलनी पड़ रही है. यही कारण है कि इस लोकसभा क्षेत्र से अभी तक किसी प्रत्याशी की जीत हार के बारे में कोई दांव लगाने को तैयार नहीं है.
जाट वोटर्स करेंगे हार- जीत का फैसला
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भिवानी- महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत तोशाम, चरखी दादरी, लोहारू और बाढ़डा में जाट वोटर्स बीजेपी उम्मीदवार की हार- जीत तय करेंगे. इस सीट पर किसानों के वोटों की संख्या का आंकड़ा अच्छा- खासा है. पिछली बार इस समाज का उन्हें खुलकर समर्थन मिला था, लेकिन इस बार परिस्थिति बिल्कुल अलग है. इसलिए यह माना जा रहा है कि धर्मबीर का भविष्य इस चुनाव में जाट वोट बैंक पर टिका हुआ है.
खुद का क्षेत्र में प्रभाव
BJP उम्मीदवार धर्मवीर सिंह का उस विधानसभा क्षेत्र में अपना एक अलग ही प्रभाव है. इसलिए यह भी माना जा रहा है कि अगर उक्त नेता अंदरखाते भीतरघात करेगा तो भी धर्मबीर सिंह को उससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ने वाला. मगर इस समय देखा जाए तो हर प्रत्याशी के लिए एक- एक वोट बहुत कीमती है.
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