भिवानी । हरियाणा के भिवानी जिलें के गांव पालूवास में एक शादी फेरों से पहले ही सुर्खियां बटोर रही है. यहां गांव में पूर्व सैनिक अशोक सिंह के बेटे की शादी से पहले टीका समारोह का कार्यक्रम हो रहा था और इस दौरान फौजी परिवार ने जो साहसिक कदम उठाया, उस की हर कोई खुले दिल से तारीफ कर रहा है.
बता दें कि गांव में 13 अप्रैल की शाम को गुरुग्राम के गांव महचाना से वधूपक्ष टीका लेकर पहुंचा था. टीका लेने की रस्म अदायगी के दौरान लड़की पक्ष के लोगों ने दुल्हे की झोली में 11 लाख रुपए व अन्य सामान शगुन के तौर पर रख दिया. लेकिन उसी वक्त दुल्हे के पिता अशोक सिंह ने उठकर लोगों के बीच में कहा कि हम रिश्तेदारों द्वारा दिए गए दान की इज्जत करते हैं, लेकिन वह दहेज प्रथा जैसी सामाजिक कुरीति के खिलाफ है. उन्होंने अपने रिश्तेदारों द्वारा टीके की रस्म में दिए गए दान को यह कहकर लौटा दिया कि वे केवल एक रुपया व एक नारियल का दान ही स्वीकार करेंगे.
अशोक सिंह के इस फैसले का वहां बैठे लोगों ने तालियां बजाकर स्वागत किया और साथ ही कई लोगों ने दहेज न लेने की प्रतिज्ञा भी ली. उन्होंने कहा कि जब उन्होंने बड़े बेटे की शादी की थी तब भी कोई दहेज नहीं लिया था. अशोक सिंह ने कहा कि जो अपनी बेटी दें देता है, वह सबकुछ दें देता है. दुल्हन से बढ़कर कोई दहेज नहीं है.
बता दें कि अशोक सिंह सेना से रिटायर हो चुके हैं और उनके दोनों बेटे सेना में तैनात है. उन्होंने कहा कि दहेज प्रथा समाज पर कलंक है. जब तक यह बुराई समाज में रहेंगी, समाज की जड़ों को खोखला करती रहेगी. उन्होंने कहा कि अगर हमें सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करना है तो ऐसी सामाजिक कुरीतियों को जड़ से खत्म करना होगा.
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