भिवानी | हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (HBSE) भिवानी ने आज एक बड़ा फैसला लेते हुए बीच शैक्षणिक सत्र 10वीं कक्षा के कला विषय के पाठ्यक्रम में बदलाव कर दिया है. बोर्ड के इस फैसले पर विरोध जताते हुए कला अध्यापक संघ ने कहा है कि इससे स्टूडेंट्स की पढ़ाई व रिजल्ट दोनों प्रभावित होंगे. कला अध्यापक संघ ने बोर्ड से गुहार लगाई है कि इस सत्र पुराने पाठ्यक्रम से ही परीक्षा का आयोजन किया जाए.
न्याय संगत नहीं है फैसला
राज्य शिक्षक अवार्ड से सम्मानित कला अध्यापक राकेश कुमार गुप्ता ने कहा कि बोर्ड द्वारा बीच शैक्षणिक सत्र पाठ्यक्रम को बदलने की सूचना भेजी गई है जो कि न्याय संगत नहीं है. उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम में बदलाव करते समय उससे संबंधित वरिष्ठ अध्यापकों की राय ली जाती है. पाठ्यक्रम में बदलाव के बारे में ऐसे अध्यापकों से सुझाव लिए जाए जिनका टीचिंग एक्सपीरियंस कम-से-कम 15 साल हो, जबकि उनका एक्सपीरियंस 35 साल से ज्यादा का है.
स्टूडेंट्स के साथ अन्याय
राकेश कुमार गुप्ता ने बोर्ड के फैसले पर रोष जताते हुए कहा कि पाठ्यक्रम से ज्यामिति व स्केल को समाप्त करना उन स्टूडेंट्स के साथ बहुत बड़ा अन्याय है जो कि इंजीनियरिग आदि में एडमिशन लेने के इच्छुक हैं. इस विषय से स्टूडेंट्स को गणित में बहुत अधिक सहायता मिलती थी लेकिन बोर्ड ने ज्यामिति व स्केल के स्थान पर 40 अंक का मॉडल और 20 नंबर के ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न कर दिए हैं.
वरिष्ठ अध्यापकों को नजरंदाज करना गलत
वहीं, राजकीय अध्यापक संघ 70 संबंधित हरियाणा कर्मचारी महासंघ के जिला प्रधान महेंद्र सिंह कलेर ने बोर्ड के फैसले पर एतराज जताते हुए कहा कि पाठ्यक्रम में बदलाव बारे स्टेट अवार्डी व वरिष्ठ अध्यापकों को नजरंदाज करना सरासर गलत है. बोर्ड को यदि पाठ्यक्रम में बदलाव करना ही था तो कम-से-कम वरिष्ठ अध्यापकों के अनुभव का फायदा जरुर उठाना चाहिए था. उन्होंने कला अध्यापकों की मांग को जायज ठहराया और बोर्ड को इस फैसले पर पुनर्विचार करने की सलाह दी.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!