भिवानी । कोरोना के कारण देश की आर्थिक व्यवस्था बहुत खराब है. इसका असर सभी उद्योगों व विभागों पर पड़ा है. कोरोना के चलते बनी आर्थिक मंदी के कारण केंद्र सरकार द्वारा देश की बिजली वितरण कंपनियों को 90000 करोड रुपए का पैकेज भी नाकाफी साबित हो रहा है. इन परिस्थितियों को देखते हुए उत्तर हरियाणा बिजली निगम और दक्षिण हरियाणा बिजली निगम ने शानदार प्रदर्शन किया है. अगर हम बात करें तो राष्ट्रीय स्तर पर की जाने वाली वार्षिक इंटीग्रेट रैंकिंग में जहां डीएचबीवीएन ए प्लस रेटिंग चौथा स्थान हासिल किया है,और यूएचबीवीएन ने ए रेटिंग के साथ सातवां स्थान हासिल किया है.
बता दे कि वर्ष 2015-16 मैं यूएचबीवीएन बी रेटिंग के साथ 24वें स्थान पर तथा डीएचबीवीएन बी रेटिंग के साथ 22वें नंबर पर रही थी. वित्त प्रबंधन के बारे में दोनों निगमों में कोई तुलना नहीं की जा सकती. पिछले 4 वर्षों से बिजली की दरों में कोई वृद्धि नहीं हुई, उल्टा एग्रो इंडस्ट्रीज के बिजली उपभोक्ताओं को कम कीमत पर बिजली उपलब्ध करवाई गई. इसके साथ बिजली की दरों में कटौती की जा रही है. 50 यूनिट तक ₹2 यूनिट के हिसाब से बिजली उपलब्ध करवाई जा रही है. 51 से 100 यूनिट के बीच में 2.50 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली उपलब्ध करवाई जा रही है.
इन सब के बावजूद भी इन दोनों निगमों का शुद्ध लाभ 331 करोड़ रुपए रिकॉर्ड किया गया है. जो अपने आप में एक बहुत बड़ा लाभ है. कोरोना के कारण सरकारी विभागों में कर्मचारियों के प्रति वहां वेतन में भी देरी हो रही थी, लेकिन बिजली विभाग के कर्मचारियों को 1 तारीख को ही वेतन मिल रहा था. अगर महीने की 1 तारीख को रविवार है तो उससे एक दिन पहले कर्मचारियों को वेतन मिल रहा था.
साथ-साथ प्रदेश के करीब 68 लाख 75 हजार बिजली उपभोक्ताओं को बिजली उपलब्ध करवाई जा रही है. अगर हम आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2016 में देश में 105 गांवों में 24 घंटे बिजली दी जा रही थी. अब 4878 गांव में 24 घंटे बिजली उपलब्ध करवाई जा रही है. इन सब का श्रेय बिजली वितरण निगम के चेयरमैन शत्रु जीत कपूर ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की दृढ़ इच्छाशक्ति, बेहतरीन विजन, व सरकार का संकल्प तथा तकनीकी और गैर तकनीकी कर्मचारियों की मेहनत को दिया है ।
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!