भिवानी | हरियाणा के भिवानी शहर में अब बिना वैज्ञानिक विधि और लाइसेंस के कैंपर सप्लाई का काम नहीं हो पाएगा. इस बारे में जिला प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा आरओ संचालकों को नोटिस भी दे दिया गया है. बता दें कि जो संचालक लाइसेंस लेकर वैज्ञानिक विधि से पानी शुद्ध करके मानक पूरे करेंगे, वो ही शहर में पानी सप्लाई कर पाएंगे, नहीं तो उनके आरओ सिस्टम को सील कर दिया जाएगा.
जब से यह नोटिस जारी हुआ है, तब से शहर के सभी कैंपर सप्लायरों में हड़कंप मच गया है. अब वह इसी दुविधा में है कि वह लाइसेंस लें या अपना सिस्टम बंद कर दें. बोर्ड द्वारा आरओ संचालकों को जो नोटिस जारी किया है, उसमें समय सीमा भी तय की गई है.
55 हजार से भी ज़्यादा की हर रोज कैम्परों की खपत
बता दें कि शहर में प्रतिदिन 55,000 से ज्यादा कैंपर की सप्लाई हो रही है, जिनमें ज्यादातर पानी के कैंपर व्यावसायिक प्रतिष्ठानो, दुकानों और संस्थानों में सप्लाई होते हैं. यह पानी दिखने में भले ही साफ़ हो, लेकिन इसका स्वाद अजीब तरह का होता है. इसलिए यह संशय बना रहता है कि यह वैज्ञानिक विधि से शुद्ध हुआ है या फिर उसे शुद्ध करने के लिए कोई और तरीका अपनाया गया है.
मुख्यमंत्री उड़नदस्ते द्वारा की गई थी कार्यवाही
बता दें कि मुख्यमंत्री उड़नदस्ते की बाकी विभागों के साथ की गई संयुक्त कार्रवाई के बाद आरओ सिस्टम की इस सच्चाई के बारे में पता लगा. इसकी जांच की गई और पाया गया कि कैंपर सप्लाई करने वाले सप्लायरों के पास वैज्ञानिक विधि से पानी शुद्ध करने का ना तो लाइसेंस है, ना ही उनके पास पानी को शुद्ध करने के मानक पूरे हैं. ऐसे में ज्यादातर शहर वासी जहरीला पानी ही पी रहे हैं, जिससे उनकी सेहत पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है.
ज्यादातर आरओ संचालकों द्वारा पानी सप्लाई के लिए भूमिगत पानी का ही इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसके टीडीएस समेत कुछ अन्य मानकों की जांच सही तरीके से नहीं होती है. वहीं, कुछ आरओ सप्लायर पेयजल आपूर्ति के पानी को ही ठंडा करते हैं. उसके बाद, उसी पानी को सप्लाई कर रहे हैं.
ये है पानी को शुद्ध करने का तरीका
इस बारे में जानकारी देते हुए डॉक्टर यतिन गुप्ता, फिजिशियन, जिला नागरिक अस्पताल, भिवानी ने बताया कि पानी को शुद्ध करने का सबसे अच्छा तरीका है उसे उबालकर ठंडा करके पिए. लेकिन आजकल कैंपर का चलन ज्यादा बढ़ चुका है. इसका स्वाद लोगों को अच्छा लग रहा है. आरओ से जब पानी फिल्टर किया जाता है, तो पानी के कुछ जरूरी तत्व नष्ट हो जाते हैं. पानी में जब तक सभी पैरामीटर पूरे नहीं होते, इससे शरीर के अंदर सभी तत्वों की पूर्ति नहीं हो पाती.
निश्चित रूप से आरओ के पानी को शुद्ध पानी नहीं कहा जा सकता, क्योंकि उसके अंदर सभी पैरामीटर पूरे नहीं होते. यह सेहत के लिए भी हानिकारक होता है और इससे शरीर में अनेकों समस्याएं पैदा होती है.
कैंपर सप्लायरों के प्रतिष्ठानों पर की गई थी कार्रवाई
वहीं शक्ति सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, जिला प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, भिवानी का कहना है कि मुख्यमंत्री उड़नदस्ते की टीम के द्वारा बाकी विभागों की संयुक्त टीम बनाकर आरओ वॉटर कैंपर सप्लायरों के प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई की गई थी, जिसमें यह पता लगा था कि इनके द्वारा पानी को वैज्ञानिक विधि से शुद्ध नहीं किया जा रहा है. साथ ही, उनके पास पानी को शुद्ध करने के मानक भी पूरे नहीं थे. इसी कारण जिला प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से कैंपर सप्लायरों को नोटिस जारी किया गया है. उन्हें नोटिस में यह हिदायतें दी गई हैं कि वे अपने आरओ सिस्टम को वैज्ञानिक विधि से शुद्ध करने के मानक अपनाकर निर्धारित लाइसेंस ले लें, नहीं तो उनके आरओ सिस्टम को सील कर दिया जाएगा.
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