भिवानी | नगर परिषद ने गिले व सूखे कचरे को अलग-अलग इकट्ठा करने के लिए एक प्लान बनाया है. जिसके अंतर्गत स्थानीय निवासियों को डस्टबिन वितरित किए जाएंगे. इस योजना के तहत सबसे पहले सेक्टर 23 को चुना गया है. सेक्टर में जल्द ही 500 डस्टबिन का वितरण किया जाना है. डस्टबिन बांटने के बाद लोगों ने घर से गीला व सूखा कचरा अलग-अलग देना प्रारंभ कर दिया, तो इस योजना का विस्तार किया जाने का निर्णय भी नगर परिषद आने वाले समय में ले सकता हैं.
जानिए क्या है पूरी योजना
डस्टबिन वितरण करने के पश्चात यदि लोगों ने सूखे व गिले कचरे को अलग देना प्रारंभ कर दिया. तो इस योजना का विस्तार भी किया जा सकता है. वर्तमान में योजना को चालू करने के लिए डस्टबिन के टेंडर भी दे दिए गए हैं. ऐसा अनुमान है कि इसी सप्ताह के अंत तक लोगों के घरों तक डस्टबिन बांट दिए जाने का काम पूरा हो सकता है. इस योजना को सेक्टर 23 में अजमा कर देखा जाएगा. यदि यह योजना सफल रहती है तो इस योजना को बाद में पूरे शहर में लागू किया जाएगा. सेक्टर 23 के निवासियों पर यह जिम्मेदारी है कि वह गीले तथा सूखे कचरे को अलग-अलग डस्टबिन में डालने का छोटा सा काम जिम्मेदारी से करें. यदि सेक्टर 23 में यह योजना सफल नहीं रहती है. तो इसके परिणामों के अनुसार ही आगे योजना का विस्तार किया जाएगा.
शहर को स्वच्छ बनाने के लिए प्रमुख कदम
शहर को स्वच्छ बनाने के लिए हर तरह के प्रयास कर रहे नगर परिषद के अधिकारियों ने अब एक और कदम आगे बढ़ाया है. जिसके फलस्वरूप घर से निकलने वाले सूखे में गीले कचरे को अलग से इकट्ठा करने के लिए सभी घरों में डस्टबिन देने का प्रमुख निर्णय लिया है. यह निर्णय इसलिए लिया गया है कि जब नप के अधिकारियों ने लोगों को गीला तथा सूखा कचरा अलग रखने के लिए कहां तो उनका कहना था कि हमारे पास एक डस्टबिन है तो हम दूसरे डस्टबिन पर फिजूलखर्ची क्यों करें. इस बात को ध्यान में रखते हुए इस समस्या का समाधान करने के लिए ही नगर पालिका ने अपने पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया है. जिसके तहत प्रारंभ में सेक्टर 23 में 510 डस्टबिन वितरित किए जाने हैं.
नगर परिषद की गाड़ियां शहर में डोर टू डोर कचरा कलेक्ट करती है. जिसमें हरे तथा नीले रंग के बड़े लोहे के बॉक्स लगाए गए हैं. एक बॉक्स में गीला कचरा तथा दूसरे में सूखा कचरा डालना होता है. घरों से आने वाले कचरे में प्रमुख समस्या यह देखने को मिलती हैं कि कचरा मिक्स होकर एमआरएफ सेंटर पर पहुंच रहा था. इस कचरे को अलग करने में नगर पालिका के कर्मचारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. एमआरएफ सेंटर पर प्लास्टिक, सॉलिड तथा ई वेस्ट को अलग-अलग एकत्रित किया जा रहा है. जिसमें प्रमुख रुप से रसोई से निकलने वाले कचरे से खाद बनाने का कचरा प्रोसेसिंग प्लांट बनाया गया है. इस प्लांट में रसोई से निकलने वाले गीले कचरे को डाला जाता है तथा बाद में उससे खाद तैयार की जाती है.
जानिए शहर से प्रत्येक दिन कितना कचरा निकलता है
अपने शहर को साफ सुथरा बनाए रखने के लिए नगर परिषद के सफाई कर्मचारी प्रत्येक दिन शहर से तकरीबन 70 टन कचरा निकालते हैं. शहरवासियों को दुर्गंध से बचाने के लिए इस कचरे को भिवानी दादरी रोड पर बनाए गए डंपिंग पॉइंट पर डाला जाता है. इस काम को करने के लिए नगर निगम के कर्मचारी सुबह से शाम तक अलग-अलग शिफ्टों में काम करते हैं. हम साइड में नगर परिषद द्वारा डस्टबिन वितरित करने का निर्णय लिया गया है ताकि शहर को साफ सुथरा बनाया जा सके.
जानिए पायलट प्रोजेक्ट की प्रमुख बातें
नगर निगम के सफाई निरीक्षक विकास देशवाल ने बताया कि घरों में डस्टबिन वितरित करने का प्रमुख फैसला लिया गया है. जिसके अंतर्गत इस प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए सेक्टर 23 को चुना गया है. इसका रिस्पांस जानने के बाद ही इस योजना का आगे विस्तार किया जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि टेंडर लगा दिया गया है. जल्द ही डस्टबिन वितरित करने का कार्य शुरू होने जा रहा है. इसका उद्देश्य शहर में साफ सफाई बनाए रखना है. गीले तथा सूखे कचरे का प्रयोग कर खाद्य बनाई जाती है. इसलिए नगर निगम नहीं है प्रमुख कदम उठाते हुए गीले तथा सूखे कचरे को अलग से एकत्रित करने के लिए पायलट योजना का निर्माण किया है.
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