बिजनेस डेस्क | आने वाले 5 से 10 सालों के बीच अडानी ग्रुप की तरफ से हवाई अड्डों के विस्तार के लिए 60,000 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे, इसको लेकर योजना बनाई जा रही है. ग्रुप की योजना इन हवाई अड्डे की क्षमता में विस्तार करके कंपनी की कमाई में इजाफा करने की है. अडानी एयरपोर्ट्स होल्डिंग्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण बंसल की तरफ से जानकारी देते हुए बताया गया कि अगले 5 सालों में एयरसाइड पर 30 हजार करोड रुपए खर्च किए जाएंगे.
2025 तक शुरू होगा ऑपरेशन
इसी प्रकार उससे अगले 5 से 10 सालों के बीच सिटी साइड डेवलपमेंट पर 30,000 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे. बंसल की तरफ से यह बात स्पष्ट कर दी गई है कि 60,000 करोड रुपए के पूंजीगत खर्च में नवी मुंबई हवाई अड्डे के पहले फेस के डेवलपमेंट के लिए आबंटित 18,000 करोड रुपए शामिल नहीं है, जिनका ऑपरेशन मार्च 2025 तक शुरू किया जा सकता है.
बता दें कि एयरपोर्ट के 2 साइड होते हैं- एयरसाइड और सिटी साइड. एयरसाइड में एयरक्राफ्ट का आना- जाना यानी कि अराइवल और डिपार्चर होता है, जिसमें रनवे/ कंट्रोल टॉवर्स/ एयरक्राफ्ट जैसे सभी सुविधाएं शामिल होती है.
इस प्रकार किया जाएगा विस्तार
सिटी साइड एयरपोर्ट कमर्शियल बेनिफिट के लिए बनाए जाते हैं. इसके तहत, पैसेंजर के फायदे के लिए हवाई अड्डे के चारों ओर कमर्शियल फैसेलिटीज बनाई जाती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से भी लखनऊ हवाई अड्डे पर नाइट टर्मिनल का उद्घाटन किया गया. उन्होंने मीडिया से बातचीत की और कहा कि यह एक बड़ी रकम है, लेकिन अडानी एंटरप्राइजेज इंटरनल अक्रूअल्स के जरिए इन पर निवेश करने जा रही है.
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