मधुमक्खी पालन का बिजनेस करेगा मालामाल, स्टार्टअप के कुछ ही दिन बाद हो जाएगी दोगुनी इनकम

बिज़नस डेस्क | किसान मधुमक्खी पालन कर बड़ा मुनाफा कमा सकते हैं. बागवानी विभाग की ओर से किसानों को मधुमक्खी पालन करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. विभाग की ओर से मधुमक्खी पालन करने वाले किसानों को सब्सिडी प्रदान की जा रही है. बागवानी विभाग पलवल के एक अधिकारी डॉक्टर कृष्ण शेरावत ने बताया कि मधुमक्खी पालन एक ऐसा व्यवसाय है जो कम लागत से शुरू किया जा सकता है. यह किसानों की आय को बढ़ाने का एक अच्छा स्रोत है. इस व्यवसाय के जरिए किसान अपने आय को दोगुना कर सकते हैं.

Honey Farming

मशीन की सहायता से निकाला जाता है शहद

उन्होंने बताया कि शहद की बढ़ती मांग की वजह से इसका उत्पादन करने के लिए जिले में मधुमक्खी पालन शुरू किया गया है. मधुमक्खी पालन से किसानों की आय में दोगुनी वृद्धि हो जाती है. साथ ही, उन्हें अतिरिक्त आय का अन्य स्रोत भी मिल जाता है. उन्होंने बताया कि मधुमक्खियों की ओर से विभिन्न फसलों के परागण से फसल की पैदावार में भी वृद्धि होती है. फलों और फूलों की गुणवत्ता में भी सुधार हो जाता है. मधुमक्खियां की ओर से फसलों के फूलों का फलों का रस लेकर उसे शहर में तब्दील कर देती हैं और अपने छत्तों में उसे एकत्रित करती हैं.

इसके बाद, शहद को मशीन की सहायता से निकाला जाता है. रॉयल जेली का उत्पादन मधुमक्खी के छत्तों से किया जाता है. यह सबसे उत्तम पौष्टिक पदार्थ माना जाता है. मानव शरीर के लिए यह बहुत लाभदायक होता है. उन्होंने किसानों से अपील की है कि मधुमक्खी पालन करें और अपनी आय में बढ़ोतरी करें.

कैसे शुरू करें मधुमक्खी का बिजनेस?

बता दें कि कई लोग मधुमक्खी पालन एक शौक के रूप में शुरू करते हैं. हालांकि, उन्हें कुछ ही समय बाद में महसूस होने लगता है कि यह कितना आकर्षक और सर्टिफिकेशन देने वाला करियर हो सकता है. मधुमक्खी पालन का मतलब सिर्फ शहद इकट्ठा करना नहीं है बल्कि यह मधुमक्खियों व उनके व्यवहार तथा उनके आसपास के प्राकृतिक वातावरण के प्रति उनकी प्रतिक्रिया को जानने के बारे में भी हो सकता है.

अगर आपके अंदर भी ऐसा जुनून है तो उसे कैरियर में डालना आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. आइए जानते हैं कि खुद का मधुमक्खी पालन व्यवसाय कैसे शुरू कर सकते हैं.

पॉइंट में समझें

  • अपने मधुमक्खी पालन व्यवसाय की सर्वोत्तम योजना बनाएं.
  • इसके बाद, मधुमक्खी पालन व्यवसाय को एक कानूनी इकाई के रूप में स्थापित करें.
  • टैक्स के लिए अपने मधुमक्खी पालन व्यवसाय को पंजीकृत करें.
  • एक व्यवसायिक बैंक खाता खोलें.
  • अपने मधुमक्खी पालन व्यवसाय के लिए एक खाता बही बनाए रखें.
  • अपने मधुमक्खी पालन व्यवसाय के लिए आवश्यक परमिट और लाइसेंस प्राप्त करना सुनिश्चित करें.
  • मधुमक्खी पालन व्यवसाय के लिए बीमा अवश्य करवाएं.
  • अपने मधुमक्खी पालन व्यवसाय को एक ब्रांड के रूप में परिभाषित करें.
  • अपने मधुमक्खी पालन व्यवसाय की वेबसाइट बनवाएं.
  • अपना व्यावसायिक फ़ोन सिस्टम सेट करें.

मधुमक्खी पालन के जरिए हो सकता है मोम का उत्पादन

बता दें कि मधुमक्खी पालन के जरिए मॉम का उत्पादन भी किया जा सकता है. यह शुद्ध और प्राकृतिक मॉम होती है. जिसका उपयोग कॉस्मेटिक के सामग्री तैयार करने और मधुमक्खी पालन के लिए मॉमी बेडशीट तैयार करने में किया जा सकता है.

चार प्रकार की होती है मधुमक्खी की प्रजातियां

जानकारी के मुताबिक, मधुमक्खी की चार प्रकार की प्रजातियां पाई जाती हैं. इनमें एपिस डोरसेटा (बवंडर मधुमक्खी), एपिस फ्लोरिया (उराम्बी मधुमक्खी), एपिस सेराना इंडिका (भारतीय मधुमक्खी), एपिस मेलिफेरा (इतालवी मधुमक्खी) शामिल हैं. मधुमक्खी पालन एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें बागवानी उत्पादन बढ़ाने की भी क्षमता है. मधुमक्खी पालन से शहद और मोम के अलावा गोंद (प्रोपोलिस, रॉयल जेली, डंक- जहर) जैसे अन्य पदार्थ भी प्राप्त होते हैं. उन्होंने बताया कि मधुमक्खी अपने छत्ते में फलों से रस निकालकर शहद बनाती है. इसी प्रकार मधुमक्खियां पालने से शहद का उत्पादन होता हैडॉ. कृष्ण सहरावत, अधिकारी, बागवानी विभाग

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