नई दिल्ली, Share Market | भारतीय बैंकों और लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) के शेयरों में शुक्रवार को गिरावट देखने को मिली. बता दें कि इन शेयरों में यह गिरावट एक अमेरिकी फाइनेंसियल रिसर्च फर्म की ओर से अडानी ग्रुप पर रिपोर्ट करने के बाद दर्ज की गई. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय बैंकों और एलआईसी का अडानी ग्रुप में काफी एक्स्पोज़र है. इस वजह से अब चिंताएं बढ़ने लगी है. निफ़्टी बैंक इंडेक्स में शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन भी गिरावट दर्ज की गई. यह 3.13% फिसल कर बंद हुआ. पिछले 2 दिनों से इसमें 5.2% की गिरावट दर्ज की गई है.
गिरावट के साथ बंद हुआ शेयर बाजार
बैंक ऑफ बड़ौदा का शेयर 7.48% की गिरावट पर बंद हुआ. वहीं, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के शेयर में भी कमी देखने को मिली. ब्लूमबर्ग के WealthMills Securities की चीफ मार्केट स्ट्रेटजिस्ट क्रांति बथिनी के हवाले से जानकारी दी गई है कि बाजार में नकारात्मक सेंटीमेंट हावी हो गया है. जिस वजह से बैंकिंग शेयरों पर भी इसका असर दिखाई दे रहा है. इसमें से कुछ अडानी ग्रुप को दिए अच्छे खासे कर्ज के चलते दबाव में है. भारतीय बैंकों ने हाल ही में दिसंबर तिमाही के शानदार नतीजे जारी किए हैं.
बैंकों की बढ़ी चिंता
क्रेडिट डिमांड में उछाल की वजह से उनके मुनाफे में भी अच्छी वृद्धि देखी गई. इससे बैंकिंग सेक्टर को लेकर उत्साह काफी बना था परंतु इस उत्साह पर अब पानी फिर गया है. पिछले बुधवार को अमेरिकी फाइनैंशल रिसर्च फॉर्म हिडन वर्ग ने उद्योगपति गौतम अडानी की अगुवाई वाली कॉर्पोरेट साम्राज्य पर निशाना साधते हुए अपनी रिपोर्ट जारी की.
ब्रोकरेज फर्म CLSA का कहना है कि अडानी ग्रुप में भारतीय बैंकों का एक्सपोजर मामूली है. भारतीय बैंकिंग सिस्टम का अडानी ग्रुप में कुल एक्स्पोज़र उनके सिस्टम लोन का 0.55% है. अडानी ग्रुप के कुल उधारी में बैंक का कर्ज 40% से भी कम है.
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