पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने की सरकार की नीति से परेशान कर्मचारी

देश की संपदा को निजी हाथों को सौंपने की नीति से केवल सरकारी कर्मचारी वर्ग ही नहीं अपितू सारे देश में रोष है. अर्थात सरकार के इस निजीकरण के रवैये से सम्पूर्ण कर्मचारी वर्ग ही विरोधी रुख अपना रहा है.

निजीकरण क्या है

निजीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी क्षेत्र या उद्योग को सार्वजनिक क्षेत्र से निजी क्षेत्र में स्थानांतरित किया जाता है. अर्थात निजीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें देश की ऐसी औद्योगिक इकाइयों को निजी क्षेत्र में हस्तांतरित किया जाता है जो अभी तक सरकारी स्वामित्व एवं नियंत्रण में थी.

यह भी पढ़े -  हरियाणा सरकार का बड़ा कदम, आने वाले 5 सालों में 2 लाख युवाओं को मिलेगी पक्की नौकरी

क्यों है रोष

चूंकि देश की अर्थव्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए सरकारी विभागों के साथ ही सरकारी कम्पनियों का क्रियान्वयन भी सही ढंग से करना जरूरी होता है. परन्तु वर्तमान सरकार निजीकरण पर उतारू है जोकि रेलवे, दूरसंचार, पेट्रोलियम जैसे महत्वपूर्ण निकायों को भी पूंजीपतियों को सौंपने की तैयारी कर रही है. वहीं दूसरी तरफ बीपीसीएल, शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, नॉर्थईस्टर्न इलेक्ट्रिक पॉवर कॉर्पोरेशन, टिहरी हाइड्रो डेवेलपमेंट कॉर्पोरेशन जैसी बड़ी कंपनियों का विनिवेश लगभग सुनिश्चित हो गया है.

यह भी पढ़े -  पदोन्नत TGT को पोस्टिंग देने पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने लगाई रोक, जानें क्या है पूरा मामला

Pardarshan Image

इसको लेकर हर रोज विभिन्न विभागों में धरने, प्रदर्शन होते रहते हैं. हाल ही में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया है कि हर हाल में देश को सर्वोपरि रखने का वादा लेकर आई केंद्र सरकार देश की बड़ी सरकारी कंपनियों को निजी हाथों में सौंपकर उन्हें लाभ पहुंचाने की कवायद में जुटी है. उन्होंने साथ ही जेबीटी भर्ती, बिजली निगम में जूनियर इंजीनियर भर्ती के पदों पर नियुक्ति, राज्य की कई लंबित भर्तियों के मुद्दों को भी उठाया.

प्रदर्शनकारी लोगों ने कहा कि सरकार जहां एक तरफ देश को बेचने की तैयारी कर रही है. वहीं दूसरी तरफ युवाओं के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार एक तरफ जहां बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, पैट्रोल, एलआईसी व अन्य व्यवसायों को निजी हाथों को सौंपकर देश की संपदा का मनमाना प्रयोग कर लोकतांत्रिक मूल्यों की अवहेलना कर रही है. वहीं इससे देश के विकास में भी गतिरोध उत्पन्न हो रहे हैं क्योंकि सम्पत्ति कुछ ही हाथों में केंद्रित होती जा रही है.

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!

exit