चंडीगढ़ | हरियाणा राज्य में ग्रुप सी और डी की भर्तियों को लेकर सरकार की ओर से बड़ा फैसला लिया गया है. आउटसोर्सिंग (अनुबंध) पॉलिसी 1 और 2 के तहत भर्ती पर रोक लगा दी है. हरियाणा सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी लिखित सूचना के मुताबिक, सरकारी महकमों, बोर्ड-निगमों और सरकारी संस्थानों में आउटसोर्सिंग पॉलिसी के आधार की भर्तियों पर रोक लगा दी गई है. अब आउटसोर्सिंग नीति के भाग-1 और भाग-2 के तहत ग्रुप सी और डी के कर्मचारियों का चयन नहीं किया जाएगा. पॉलिसी के तहत एजेंसियों के माध्यम से अस्थाई कर्मचारी नियुक्त किए जाते हैं, जबकि पॉलिसी भाग 2 के तहत स्वीकृत रिक्त पदों पर कॉन्ट्रैक्ट भर्ती होती है.
मुख्य सचिव विजय वर्धन ने प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, अंबाला, हिसार, रोहतक, करनाल, गुरुग्राम और फरीदाबाद मंडलों के मंडल आयुक्तों, बोर्डों, निगमों, सार्वजनिक उपक्रमों के प्रबंध निदेशकों, उपायुक्तों, उप मंडल अधिकारियों (नागरिक) और रजिस्ट्रार, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय, चंडीगढ़ को पत्र लिखा है. जिसमें लिखा गया है कि प्रदेश सरकार ने स्वीकृति पदों पर आउटसोर्सिंग पॉलिसी भाग 2 के अनुसार आपात स्थिति के लिए ग्रुप सी और डी कैटेगरी के कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्त करने की अनुमति 6 अप्रैल 2015 और 23 जुलाई 2019 के निर्देशानुसार प्रावधान किया गया था. लेकिन अब प्रदेश सरकार ने मामले में पुनर्विचार करते हुए फैसला लिया है कि आउटसोर्सिंग पॉलिसी भाग 1 और 2 के तहत तुरंत प्रभाव से नई नियुक्ति पर रोक लगाई जाती है.
गौरतलब है कि हरियाणा सरकार ने सरकारी नौकरियों की अस्थाई भर्तियों में ठेकेदारी सिस्टम खत्म करने के लिए आउटसोर्सिंग पॉलिसी लागू की है. आउटसोर्सिंग पालिसी पार्ट-एक में उन विभागों में नियुक्तियां की जाती हैं जहां काम का बोझ है, लेकिन पद स्वीकृत नहीं है. वहीं, आउटसोर्सिंग पालिसी पार्ट-दो में विभागों में स्वीकृत रिक्त पदों पर अस्थायी भर्तियां की जाती हैं.
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