चंडीगढ़ । नया वर्ष 2021 हरियाणा के नौजवानों के लिए नई नई उम्मीदें लेकर आया है. हरियाणा में इस साल सरकारी नौकरियों में बंपर भर्तियां होने जा रही है. इसके साथ ही हरियाणा में सरकारी कर्मचारियों पर काम का बोझ भी कम होगा और उन्हें प्रमोशन भी मिलेगा. इस वर्ष हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों को एश्योर्ड करियर प्रमोशन एसीपी के लिए अधिक समय तक इंतजार नहीं करना होगा.
जल्द मिलेगा ACP का लाभ
8, 18 और 24 वर्ष में मिलने वाली एसीपी पर 3 माह में फैसला नहीं होता है तो कर्मचारियों को स्वयं ही डीम्ड ग्रांट ऑफ एसीपी पे स्केल का लाभ मिल पाएगा. साथ ही सरकारी कर्मचारियों पर कार्य के बोझ को काफी हद तक कम करने के लिए इस वर्ष लगभग 35,000 पदों पर भर्तियां और आरक्षित कोटे के खाली पड़े पदों को भरने की तैयारियां की जा रही है. इसके अतिरिक्त हरियाणा सिविल सर्विस एचसीएस और एलाइड सर्विस के 145 पदों पर भी भर्तियां की जाएगी.
एक बार रेजिस्ट्रेशन के बाद कॉमन टेस्ट की व्यवस्था
हरियाणा सरकार ने सभी विभागों से ग्रुप ए से लेकर ग्रुप डी तक खाली पड़े पदों का विवरण मांगा है. हरियाणा लोक सेवा आयोग और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को मांग पत्र भेजने के लिए कहा गया है. तेजी से भर्तियां करने के लिए नौजवानों को सिर्फ एक बार रजिस्ट्रेशन करा कर कॉमन एंटरेंस टेस्ट देना होगा. ट्रांसफर में पारदर्शिता लाने के लिए उन सभी विभागों में जिनमें 300 से ज्यादा स्टाफ है, को अप्रैल महीने तक ऑनलाइन ट्रांसफर सिस्टम लागू कर दिया जाएगा.
इन पदों पर की जाएंगी भर्तियां
इस वर्ष जिन सरकारी पदों पर भर्तियां की जानी है उनमें सबसे अधिक 48 पद एचसीएस के हैं. इसके अतिरिक्त 7 डीएसपी, 10 AEO, 46 बीडीपीओ, 14 ईटीओ, प्रथम श्रेणी के चार तहसीलदार और पांच डीएफएससी के पद शामिल हैं. राज्य में फिलहाल एचसीएस कैडर के 307 पद हैं और इन पर 246 अफसर अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं.
वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों की कुछ मांगे भी हैं जो इस प्रकार हैं:-
- कार्यरत कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए. जब तक कच्चे कर्मचारी पक्के नहीं होते तब तक समान
- काम-समान वेतन और सुरक्षा की सेवाएं प्रदान की जाएं.
- नई पेंशन स्कीम एनपीएस को रद्द कर दिया जाए और पुरानी पेंशन स्कीम को फिर से लागू किया जाए.
- सभी छटनी कर्मचारियों को फिर से ड्यूटी पर लगाया जाए.
- यात्रा परिवहन भत्ते एलटीसी और महंगाई भत्ते डीए पर लगी रोक को हटा दिया जाए.
- जन सेवाओं के प्राइवेटाइजेशन पर रोक लगाई जाए.
- वर्क लोड को कम करने के लिए खाली पदों पर नई भर्तियां की जाए.
- आरक्षित श्रेणियों के बैकलॉग के लिए विशेष भर्ती अभियान चलाया जाए.